मालवीय के बहाने बीएचयू में साम्प्रदायिकता फैलाने की कोशिश का विरोध

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उल्लेखनीय है कि 9 नवम्बर को बीएचयू के उर्दू विभाग द्वारा वेबिनार का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके पोस्टर पर अल्लामा इकबाल का फोटो लगाया गया था। यह सर्वविदित है कि 9 नवम्बर को विश्व उर्दू दिवस अल्लामा इकबाल के ही जन्मदिन पर मनाया जाता है। बावजूद पोस्टर पर मालवीय जी की फ़ोटो न होने की आपत्ति जताते कुछ लम्पट तत्वों ने सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करते हुए पूरे मामले को साम्प्रदायिक रंग दे दिया और उर्दू डिपार्टमेंट के खिलाफ घटिया दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया। बताना जरूरी है इनके जैसे लम्पट तत्व हर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देकर अपना उल्लू सीधा करते हैं, जिससे ‘उनकी फूट डालो और राज करो’ वाली राजनीति इस कैंपस में चलती रहे।

इस मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए भगत सिंह छात्र मोर्चा ने आज 13 नवंबर को कुलपति को ज्ञापन सौंपकर कड़े शब्दों में इन लम्पटों के साथ-साथ स्वयं प्रशासन के साम्प्रदायिक मानसिकता की भर्त्सना की।

भगत सिंह छात्र मोर्चा ने ज्ञापन देकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए अपनी बात रखी कि मालवीय जी ने बीएचयू की स्थापना की थी। यह इतिहास कोई बदल नहीं सकता और यूनिवर्सिटी के प्रति उनका योगदान किसी फ़ोटो का मोहताज नहीं है। लेक़िन कुछ चुनिंदा अराजक तत्वों द्वारा जान-बूझकर इस बात को साम्प्रदायिक रंग देकर विश्वविद्यालय में अशांति और साम्प्रदायिकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। बीएचयू में ऐसे दर्जनों सेमिनार व वेबिनार हो चुके हैं, जिन पर मालवीय जी की तस्वीर नहीं रही है। इसका साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए भगतसिंह छात्र मोर्चा ने दर्जनों पोस्टर दिखलाया।

भगत सिंह छात्र मोर्चा से जुड़े हुए छात्रों ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बताया कि कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा अपनी गंदी और नफरती राजनीति को हवा देने व छात्र – छात्राओं के वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह साज़िश के तहत किया जा रहा है। BCM की तरफ से सभी ने एक स्वर में इस नफरती, साम्प्रदायिक व विभाजनकारी षड्यंत्र का विरोध किया। जो भी इन मुद्दों को हवा देकर विश्विद्यालय का माहौल खराब करना चाहते हैं उन सभी अराजक तत्वों पर करवाई की मांग की। साथ ही साथ उर्दू विभाग के ऊपर बेवजह बनाई गई जांच समिति को निरस्त करने की मांग उठाई। विश्वविद्यालय प्रशासन का दोहरा चेहरा भी इस पूरे मामले में खुलकर सामने आता है कि बीएचयू को खोलने के हुए आंदोलन पर विचार करने के लिए प्रशासन कोई जांच समिति नहीं बनाता है। जबकि इस मुद्दे पर उसने तुरंत समिति बना दी। यह विश्वविद्यालय के साम्प्रदायिक चेहरे को ही सामने लाता है।

भगतसिंह छात्र मोर्चा ने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्र – छात्राओं को आश्वस्त किया कि हम विश्वविद्यालय का माहौल खराब नहीं होने देंगे और विश्वविद्यालय आपसी समरसता, एकता, सद्भाव को कायम रखेंगे। ज्ञापन देने और प्रेस कांफ्रेंस में शुभम, अभिनव, अमन, योगेश, उमेश, राहुल, नीरज, रोहित, अजित, सुमित, अवनीश, अनुपम, आकांक्षा समेत दर्जन स्टूडेंट्स शामिल रहे।

(वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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