Wednesday, April 24, 2024

यूपी में सरकारी ठेकों से बिक रही है जहरीली शराब; दस दिन में 15 की मौत

उत्तर प्रदेश में देसी शराब के सरकारी ठेकों से धड़ल्ले से जहरीली शराब बेची जा रही है और जब-जब इसे पीने से मौतें होती हैं तब-तब पूरे प्रदेश में सघन जांच का ढिंढोरा पीटा जाता है पर व्यवहार में होता कुछ नहीं। सरकारी विदेशी शराब की दुकान से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के गृह जिले गोरखपुर में देसी कौन कहे विभिन्न ब्रांड की अंग्रेजी शराब भारी मात्र में बरामद हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में बीते 10 दिनों में सरकारी ठेकों पर बिकने वाली देसी जहरीली शराब पीने से लगभग 15 लोगों की अलग-अलग जिलों में मौत हो गई। प्रयागराज में बीते दो दिनों में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की जान चली गई। अस्‍पताल में भर्ती 19 लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

मुख्यमंत्री योगी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिया जाएगा और उनकी संपत्ति को कुर्क कर पीड़ित परिवारों को हर्जाना दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस घटना में सभी संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए इनके खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश भी दिए हैं कि जहरीली शराब बेचने में लिप्त लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त की जाए। जब्त की गई संपत्ति की नीलामी करते हुए उससे प्राप्त धनराशि से पीड़ित परिवारों की मदद की जाए।

प्रयागराज के फूलपुर तहसील के अमिलिया, मैलहन समेत अन्य गांवों में जहरीली शराब का कहर शुक्रवार और शनिवार को भी जारी रहा। यहां सरकारी ठेके से खरीदकर शराब पीने वाले दो अन्य लोगों की भी मौत हो गई, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या सात हो गई। यही नहीं शराब पीने वाले 15 अन्य भी अस्पताल भेजे गए। मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शासन ने जिला आबकारी अधिकारी समेत तीन लोगों को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

मंडल के कमिश्नर आर रमेश कुमार का कहना है कि सरकारी ठेके से शराब पीने वाले लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। शराब के अन्य ठेकों की भी वृहद स्तर पर जांच कराई जा रही है। आबकारी विभाग की ओर से मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आबकारी इंस्पेक्टर की तहरीर पर अमिलिया गांव के सरकारी ठेके की अनुज्ञापी संगीता जायसवाल, उसके पति श्याम बाबू जायसवाल और सेल्समैन जगतजीत सिंह पर केस दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जहरीली शराब से मौत के मामले में जिला आबकारी अधिकारी संदीप बिहारी मोडवेल, फूलपुर सर्किल के आबकारी इंस्पेक्टर विजय प्रताप यादव और मुख्य आरक्षी सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।

दीपावली से ठीक एक दिन पहले राजधानी लखनऊ के बंथरा इलाके में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई थी। जहरीली शराब से हुई मौतों का ये सिलसिला जारी है। लखनऊ के बाद फिरोजाबाद में और अब प्रयागराज में भी जहरीली शराब ने कई घरों को तबाह कर दिया है। यहां भी छह लोगों की इस जहर के प्याले ने जान ले ली।

लगातार हो रही मौतों पर सरकार भी अब  जागी है और ऐसे लोगों के खिलाफ अब उनकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी की बात कही जा रही है। सत्ता में आने के साथ ही भाजपा सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर जहरीली शराब से होने वाली मौतों की सजा के प्रावधान को बदलते हुए फांसी की सजा का प्रावधान किया था। पिछले साढ़े तीन वर्षों में जहरीली शराब से मौतें तो कई हुईं लेकिन फांसी की सजा एक को भी नहीं हुई।

एक तरफ तो ये शराब सरकार का खजाना भरने में सबसे अव्वल साबित हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ जहरीली शराब परिवारों की खुशियां भी छीन रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि लखनऊ और प्रयागराज के मामलों में ये जहरीली शराब सरकारी ठेके से बेची गई। सवाल अब व्यवस्था को लेकर भी उठ रहा है कि आखिर सरकारी ठेके से जहरीली शराब कैसे और क्यों बिक रही थी। इसी तरह मुथरा के बरसाना इलाके के एक गांव में तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई।

मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में 18 जून 2019 को पिपराइच कस्बे में सरकारी विदेश मदिरा की दुकान से ब्रांडेड कंपनी के शराब के नाम पर जहर बेचा जा रहा था। पिपराइच पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने सोमवार को दुकान पर छापेमारी कर विभिन्न शराब के ब्रांड के 299 ढक्कन, अपमिश्रित अद्धा और पौवा के साथ 184 अवैध क्यूआर कोड आदि सामान बरामद हुआ। पुलिस टीम ने दुकान पर तैनात मुनीब को गिरफ्तार कर दुकान के मालिक की तलाश शुरू कर दी।

सरकारी ठेके की दुकान की तलाशी लेने पर दुकान ज्यादा बिकने वाले ब्रांड मैकडावेल, रायल स्टैग, इंपीरियल ब्लू आदि के 24 अद्धे और 52 पौवे में अपमिश्रित शराब बरामद हुई। इसकी अल्कोहोलोमीटर से जांच करने पर वह मानक के काफी विपरीत मिला। इसके अलावा काली पॉलीथिन में विभिन्न ब्रांड के 299 ढक्कन, 184 अवैध क्यूआर कोड, एक चाकू, एक सूजा, 20 लीटर खाली गैलन, पांच-पांच लीटर की दो खाली प्लास्टिक की पिपिया मिली। इसको खोलकर सूंघने पर स्प्रिट जैसी गंध आ रही थी।

इस घटना में सस्‍पेंड होने वालों में आबकारी निरीक्षक संदीप बिहारी, सब इंस्‍पेक्‍टर राजेश कुमार, हेड कांस्टेबल विजय प्रताप, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, बीट कांस्टेबल हरे राम गुप्ता, कांस्टेबल गौरव सैनी और कांस्टेबल जोगेंद्र सिंह का नाम शामिल है। फूलपुर के आबकारी निरीक्षक विजय कुमार यादव की तहरीर पर ठेकेदार संगीता जायसवाल और उनके पति श्याम बाबू जायसवाल पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है।

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने यूपी सरकार पर जहरीली शराब को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करके सरकार से सवाल पूछा है तो वहीं समाजवादी पार्टी का कहना है कि सरकार एक तरफ तो माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कहती है और दूसरी तरफ शराब माफिया जहरीली शराब बना रहे हैं, बेच रहे हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। वह इलाहाबाद में रहते हैं।)

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