उप्र कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने आज यूपी कांग्रेस का महिला घोषणा पत्र जारी किया। इसके साथ ही उन्होंने थीम सांग भी लांच किया।
महिला घोषणा पत्र लांच करते हुये प्रियंका गांधी ने कहा कि पिछले कई महीने में उप्र कांग्रेस ने प्रदेश भर की महिलाओं से सलाह-मशविरा किया और उनके लिए एक नई राह बनाने का खाका तैयार किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि “अगर इस देश की महिलाएं अपनी शक्ति को पहचानें और इस शक्ति को राजनीतिक शक्ति में बदल दें तो ये देश बदल सकता है। फिर ये जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति खत्म हो जाएगी।”
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, “कांग्रेस द्वारा महिला आरक्षण की शुरुआत पंचायती राज से हुई, जिसमें में 33% सीटें महिलाओं को दी गईं। कांग्रेस ने पहली महिला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दिया। इसी सोच के तहत हमने महिला घोषणापत्र बनाया है।”
प्रियंका गांधी ने महिला घोषणा पत्र लांच करते हुये कहा कि “महिलाओं की भागीदारी की बात मैं अपनी तरफ से नहीं कह रही हूं। ये बातें आप सबके बीच से ही निकली हैं। आज महिलाएं अपने हक के लिए लड़ने को तैयार हैं। उसी भावना से हमने ये घोषणापत्र बनाया है।”
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि ये घोषणापत्र प्रदेश की महिलाओं की आशाओं-आकांक्षाओं की सामूहिक अभिव्यक्ति है जो वर्तमान सरकार में अभूतपूर्व हिंसा, शोषण व सरकार की महिला विरोधी विचारधारा का सामना कर रही है। महिलाएं अब अन्याय सहने को तैयार नहीं हैं। इसलिए हमने महिला घोषणापत्र बनाया है। इसके छह हिस्से हैं: स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत।
शक्ति विधान गृहणियों, कॉलेज की लड़कियों, आशा व आंगनबाड़ी बहनों, स्वयं-सहायता समूह की बहनों, शिक्षिकाओं और प्रोफेशनल महिलाओं की आवाज़ का प्रतिबिम्ब है।
सक्षमता, शक्ति व दृढ़निश्चय महिलाओं के सहज गुण हैं। महिलाएँ साहस, करुणा एवं आशा की प्रतीक हैं। महिलाओं के सच्चे सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है कि उनके लिए एक ऐसा वातावरण बनाया जाए जिसमें उनकी अभिव्यक्ति को बंधन मुक्त व असीमित आकाश मिले। हमारे महिला घोषणा पत्र की मूल भावना यही है।
उत्तर प्रदेश की लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी महज 9.4% है। यह भागीदारी बढ़ाने और लैंगिक असमानता कम करने के लिए कांग्रेस पार्टी प्रावधानों के मुताबिक 20 लाख में से 40% नौकरियां महिलाओं को देगी।
उन्होंने कहा कि यह महिला घोषणा पत्र (शक्ति विधान) महिला सशक्तिकरण एवं राजनीति में महिलाओं की भूमिका के लिए मील का पत्थर बनेगा।
राजनीति में महिलाओं की समुचित हिस्सेदारी समाज के स्वभाव, देश की राजनीति एवं शासन में बदलाव की कुंजी है। महिलाओं की इस राजनीतिक शक्ति से ही उत्तर प्रदेश का भविष्य बदलेगा।
इस शक्ति विधान के जरिये कांग्रेस पार्टी प्रदेश की महिलाओं के लिए समानता, न्याय, स्वतंत्रता, गरिमा एवं आत्मसम्मान के प्रति एक अनूठा और दृढ़प्रतिज्ञ विकल्प पेश कर रही है।
भारतीय संसद और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व महज 15 फीसदी है। कांग्रेस ने इस निराशाजनक तस्वीर को बदलने का संकल्प लिया है। हम 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देंगे।
प्रियंका गांधी ने कहा कि- “कोरोना के दौरान लड़कियों को सबसे बड़ी मुश्किल ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आई, क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है। उन्हें आने-जाने में मुश्किल होती है। स्मार्टफोन, स्कूटी और दक्षता विद्यालय लड़कियों को सशक्त बनाएंगे।”
लड़कियों की शिक्षा पर केंद्र और प्रदेश सरकार को घेरते हुए प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 के बाद से शिक्षा का बजट लगातार घटाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का 60 प्रतिशत बजट सिर्फ विज्ञापन पर खर्च हुआ। सरकार ने सिर्फ अपने विज्ञापन पर ध्यान दिया। लड़कियों-महिलाओं को भागीदार बनाने की कोशिश नहीं की। प्रियंका ने कहा कि राजनीतिक दल महिलाओं की शक्ति को पहचानते हैं। जानते हैं कि महिलाएं यदि अपनी शक्ति को राजनीतिक शक्ति में बदल दें तो जातिवाद और सम्प्रदाय वाद नहीं चलेगा। विकास की राजनीति करनी पड़ेगी।
घरेलू स्तर पर महिला व पुरुष के बीच कामकाज के बंटवारे के असंतुलन को रेखांकित करते हुये प्रियंका गांधी ने कहा कि – ” घरेलू स्तर पर भी महिलाओं और पुरूषों के बीच काम के बंटवारे में भारी असंतुलन है। एक महिला जहां हर दिन औसतन पांच घंटे घर पर अवैतनिक काम करती है वहीं एक पुरूष सिर्फ़ एक से डेढ़ घंटे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का प्रावधान करेगी। उन्हें साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। बुजुर्ग और अशक्त महिलाओं को एक हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा मुफ्त इंटरनेट और अन्य कई सुविधाएं दी जाएंगी। प्रदेश में 10 विश्वस्तरीय आवासीय खेल अकादमी स्थापित की जाएंगी। परिवार में पैदा होने वाली हर बच्ची के नाम सावधि जमा एफडी बनवाई जाएगी। घरेलू हिंसा से महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा की बदहाल स्थिति का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि यहां एक भी दिन ऐसा नहीं बीतता जब कोई लड़की या महिला अपराध की शिकार न हुई हो। उन्हें इस स्थिति से निजात दिलाने के लिए यूपी पुलिस बल में 25 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी। हर थाने में अनिवार्य रूप से महिला कांस्टेबल की तैनाती होगी। उन्होंने कहा कि रेप जैसे मामलों में एफआईआर न दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को अविलम्ब सस्पेंड किया जाएगा। उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे मामलों पर निगरानी और कार्रवाई के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया जाएगा जिसमें छह महिला सदस्य होंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए तीन सदस्यीय विशेष कानूनी प्रकोष्ठ का गठन भी किया जाएगा।
सेहत के मोर्चे पर कांग्रेस के शक्ति विधान (महिलाओं के लिए घोषणापत्र) का उल्लेख करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि किसी भी प्रकार की बीमारी की स्थिति में 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त दिया जाएगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी। शिक्षण संस्थानों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में मासिक धर्म से सम्बन्धित वस्तुओं और दवाओं की आपूर्ति मुफ्त की जाएगी।
अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं के सशक्तिकरण की शुरुआत कांग्रेस पार्टी ने ही की थी। हमने अगले विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का एलान किया। सबसे पहले कांग्रेस ने ही पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी। देश को पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उत्तर प्रदेश को पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी कांग्रेस ने ही दी। हमारे देश में पहली महिला पीएम तब बनी थीं जब दुनिया के तमाम अग्रणी देशों में भी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी। ये कांग्रेस पार्टी की सोच थी। इसी सोच के तहत आज यूपी में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए, उन्हें शोषण और भय से मुक्ति दिलाने के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी किया गया है। इस घोषणा पत्र को छह हिस्सों में बांटा है, स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत।
बता दें कि कांग्रेस ने महिला घोषणा पत्र को छः हिस्सों में बांटा है।
1- शक्ति विधान महिला घोषणा पत्र
– सहजता, शक्ति व दृढ़ निश्चय महिलाओं के सहज गुण है। महिलायें साहस, करुणा व आशा की प्रतीक हैं।
– शक्ति विधान महिलाओं की आवाज़ है। उनके सच्चे सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है कि उनके लिये एक ऐसा वातावरण बनाया जाये जिसमें उनकी अभिव्यक्ति को बंधनमुक्त और असीमित आकाश मिले।
– राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं का संपूर्ण भागीदारी हो।
-श्रीमती इंदिरा गांधी पहली प्रधानमंत्री, श्रीमती सुचेता कृपलानी पहिला महिला मुख्यमंत्री।
– कांग्रेस की पहल पर पंचायती राज में महिलाओं के हाथ में शासन।
– सोनिया गांधी जी संसद में 33% महिला आरक्षण देने को प्रतिबद्ध।
– ‘शक्ति विधान’ समानता, न्याय, स्वतंत्रता, गरिमा एवं आत्मसम्मान का विकल्प।
2- स्वावलंबन महिला घोषणा पत्र
– नए सरकारी पदों में आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40% महिलाओं की नियुक्ति।
– घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और निराश्रित महिलाओं के लिए राज्य और जिला स्तर की हेल्पलाइन।
– सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य शिशु गृह।
– COVID – 19 से प्रभावित महिलाओं के रोज़गार के लिए वेतन सब्सिडी।
– कामकाजी महिलाओं के लिए 25 शहरों में सुरक्षित और नवीनतम सुविधाओं वाले छात्रावास।
– पुरुष केंद्रित नौकरियों जैसे परिवहन विभाग में ड्राइवर आदि में महिलाओं के लिए विशेष कोटा।
– महिलाओं द्वारा संचालित छोटे व्यवसायों को सस्ता ऋण और टैक्स रिफंड हेतु फंड।
– 50% तक महिलाओं को नौकरी देने वाले व्यवसायों को कर में छूट और सहायता।
– मौजूदा सार्वजनिक व निजी नौकरियों में महिलाओं को सुरक्षा और लाभ।
– आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा बहुओं को प्रतिमाह 10,000 रू का मानदेय ।
– सहायता समूहों को 4% ब्याज दर पर ऋण, ग़रीब महिलाओं की भागीदारी।
– घरेलू कर्मचारियों की मानवीय कार्यदशाओं के लिये एक सरकारी विभाग।
– मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता, 40 प्रतिशत कार्यों में आरक्षण।
– राज्य में राशन की 50 % दुकानों का प्रबंधन व संचालन महिलाओं द्वारा।
– विकलांग महिलाओं के प्रशिक्षण और रोज़गार हेतु विशेष विभाग।
– सभी सरकारी भवन और कार्यस्थल विकलांग महिलाओं के सुविधानुसार।
3 – शिक्षा, महिला घोषणा पत्र
-10+2 में प्रत्येक लड़की को स्मार्टफोन।
– स्नातक कार्यक्रमों में नामांकित प्रत्येक लड़की को स्कूटी।
– माध्यमिक विद्यालयों में बालिकाओं के आय वर्ग के अनुसार छात्रवृत्ति।
– राज्य भर में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय।
– महिलाओं पर केंद्रित विशेष रोज़गार एक्सचेंज।
– अकेली माताओं के प्रशिक्षण के लिये वित्त पोषित कार्यक्रम।
– राज्य भर में महिलाओं द्वारा प्रबंधित व संचालित संध्या विद्यालय।
– 14 वर्ष से ऊपर की लड़कियों के लिये प्रजनन अधिकारों, यौन शिक्षा, जबरन बाल विवाह पर केंद्रित पाठ्यक्रम।
4 – सम्मान, महिला घोषणा पत्र
– राज्य भर में सरकारी महिलाओं के लिये बसों में मुफ़्त यात्रा।
– महिलाओं को हर साल 3 गैस सिलेंडर मुफ़्त ।
– प्रत्येक बुजुर्ग महिला और विधवा को 1000 रुपये
मासिक पेन्शन।
– युवावस्था में विधवा हुई महिलाओं को रोज़गार के लिये विशेष प्रशिक्षण।
– प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला चौपाल का निर्माण।
– व्यक्तिगत और समूहों को माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में प्रशिक्षण व अवसर।
– ग़रीब परिवारों को मुफ़्त इंटरनेट।
– महिलाओं के लिये निजी क्षेत्र या अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में विश्वस्तरीय आवासीय खेल अकादमी।
– परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिये एफडी (सावधि जमा)।
-आश्रित महिलाओं के परित्याग के मामलों में क़ानूनी सहायता समिति।
– घरेलू हिंसा और नशा से निपटने के लिये प्रशिक्षित समाजिक कार्यकर्ता की नयी योजना।
5 – सुरक्षा महिला घोषणा पत्र
– पुलिस बल में महिलाओं को 25% नौकरियां, हर थाने में महिला कांस्टेबल।
– बलात्कार जैसे अपराध के शिक़ायत के 10 दिन में यदि अत्याचार अधिनियम की धारा 4 का पालन न हो तो अधिकारी के निलंबन का क़ानून।
– विशेष अधिकार प्राप्त आयोग का गठन। जिसमें 6 महिलायें होंगी- 2 न्यायाधीश, 2 समाजिक कार्यकर्ता और 2 सरकारी अधिकारी।
– हर जिले में महिला पीड़ितों के लिये मुफ्त़ क़ानूनी सहायता हेतु तीन सदस्यीय विशेष क़ानूनी प्रकोष्ठ का गठन।
6 – सेहत महिला घोषणा पत्र
जब रखा जाएगा सेहत का ध्यान, महिलाएं भरेंगी ऊंची उड़ान।
– कोई भी बीमारी 10 लाख तक इलाज सरकारी
– डॉक्टरों चिकित्सा कर्मियों के रिक्त पदों की भर्ती।
– ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में नये स्वास्थ्य केंद्र खोल PHCs CHCs को मजबूत किया जायेगा।
– अस्पतालों व शैक्षिक संस्थानों में मासिक धर्म से संबंधित वस्तुओं व दवाओं की मुफ्त आपूर्ति।
– महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा के लिये प्रत्येक PHC में महिलाओं द्वारा प्रबंधित व संचालित स्वास्थ्य शक्ति केंद्र।
– मानसिक स्वास्थ्य के लिये हेल्पलाइन और वेबसाइट, प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुविधा ।
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