मणिपुर और नूंह हिंसा के विरोध में पंजाब बंद का दिखा असर, सड़कों-बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा

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मणिपुर के वीभत्स घटनाक्रम के विरोध में पंजाब पूरी तरह बंद रहा। मणिपुर और नूंह की घटनाओं का पंजाब में विभिन्न संगठन बड़े पैमाने पर विरोध कर रहे हैं। प्रतिदिन धरना-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है और बड़ी तादाद में किसान, खेत मजदूर और मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ता इनमें शिरकत कर रहे हैं। पंजाब बंद की ताजा कॉल ईसाई समुदाय सहित अन्य जत्थेबंदियों ने की थी जिसका व्यापक असर रहा। मोगा में प्रदर्शनकारियों पर की गई फायरिंग से एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गया और जालंधर में गाड़ी चढ़ाने से पांच लोग मरते-मरते बचे। तमाम ज़ख्मियों का बड़े अस्पतालों में इलाज हो रहा है।

गौरतलब है कि 9 अगस्त को ‘पंजाब बंद’ का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का रखा गया था। प्रदर्शन के दौरान शैक्षणिक संस्थान में बंद रहे तथा प्रदर्शनकारियों ने यातायात भी अवरुद्ध किया। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात थे। प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विशेष मार्च निकाला। वे मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना का भी तीखा विरोध कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि वहां की सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री पर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। पुलिस के अनुसार मोगा में दुकानें बंद करवाने के दौरान एक दुकानदार से हुई बहस के बाद उसने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं, जिससे एक निहंग सिंह घायल हो गया। बाद में उसे डीएमसी लुधियाना रेफर कर दिया गया। जालंधर में कपूरथला चौक पर धरना दे रहे लोगों पर तेज रफ्तार गाड़ी चढ़ने से पांच प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घटनाओं के बाद पुलिस और सिविल अधिकारियों ने स्थिति को संभाला।

पंजाब के शहरों-कस्बों में सन्नाटा पसरा रहा। कुछ जगह माहौल कर्फ्यू जैसा था। जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, होशियारपुर, फिरोजपुर, गुरदासपुर और अमृतसर में बाजार शाम तक पूरी तरह बंद रहे। तमाम शहरों में जोरदार रोष-प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पकड़े बैनरों पर लिखा था कि मणिपुर को बचाओ और कहीं पर लिखा था कि मसीह समुदाय के लोगों को निशान मत बनाओ। तमाम शहरों में यातायात पूरी तरह ठप रहा। ऑटो रिक्शा भी नहीं चलने दिए गए।

फिरोजपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, गुरदासपुर और अमृतसर के आसपास के कस्बे भी पूरी तरह बंद रहे। हालांकि मेडिकल स्टोर आम दिनों की तरह खुले थे। क्रिश्चियन नेशनल फ्रंट, पेस्टर्स एसोसिएशन, रविदासिया एकता दल, अखिल भारतीय वाल्मीकि समाज और अन्य संगठनों ने बाजार और दुकान में बंद करवाईं।

हर जिले के मुख्य स्थल पर रैली को संबोधित किया गया। आदि धर्म समाज के अध्यक्ष श्याम लाल ने कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर में ईसाई समुदाय के लोगों के अधिकारों की हिफाजत करने में सरासर भी विफल रही है।

धरना-प्रदर्शन के दौरान लोगों ने चेतावनी दी कि अगर मणिपुर हिंसा नहीं रुकती तो अनिश्चितकाल के लिए पंजाब बंद रखा जाएगा। वक्ताओं ने नूंह घटनाक्रम की भी कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मणिपुर और हरियाणा के मेवात इलाके में कानून-व्यवस्था पूरी तरह तहस-नहस हो गई है। सरकार की शह पर दंगाई दनदनाते फिर रहे हैं। उनके बारे में पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)

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