बिहार: शिक्षिका के पहरे में स्कूल संचालक करता था मुस्लिम छात्रा के साथ घिनौनी हरकत

सहरसा। कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप पांडे ने फेसबुक पर यह पोस्ट किया है- “मेरे अब तक के पुलिस ड्यूटी के कार्यकाल में मेरे दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। मेरे संज्ञान में एक छोटी लड़की का संवेदनशील मामला आया है। इस लड़की के साथ 5 साल पहले घटना हुई थी। जब इस लड़की को मनोवैज्ञानिक चिकित्सा की जरुरत पड़ी तो मामला प्रकाश में आया। मैंने जब मामले को खंगाला तो दंग रह गया कि इस घृणित क्रिया में उस संस्थान की एक महिला शिक्षिका के भी शामिल होने की बात सामने आयी। चूंकि ये मामला 5 वर्ष पुराना था और मेरी पदस्थापना 2 वर्ष पूर्व थी तो मैंने इस केस से सम्बंधित सभी बिन्दुओं पर अविलम्ब कार्रवाई का आदेश दिया। साथ ही मैंने अपील की कि अगर कोई और ऐसे अपराध की जानकारी रखते हैं तो सीधा मेरे से सम्पर्क करें। इस अपील के तुरंत बाद मेरे से 2-3 लड़कियों ने सम्पर्क किया। हालांकि मेरे आदेश से मेरे जिला पुलिस टीम ने इस मामले से सम्बंधित सभी आरोपियों को 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दिया है।”

दरअसल बिहार के सहरसा जिले में स्थित शांति निकेतन शिक्षण संस्थान के डायरेक्टर अजीत विश्वास के बेटे सम्राट विश्वास पर स्कूल की छात्रा के साथ दुष्कर्म की कहानी तेजी से सोशल मीडिया और मीडिया में फैल रही है। पटना के ही एक मनोचिकित्सक के पास पीड़िता ने अपनी सारी कहानी बताई। जिसके बाद डॉक्टर ने रेप वाली बात पीड़िता के परिजनों को बता दी। फिर पीड़िता के परिजनों ने 28 अगस्त को सहरसा आकर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी महिला टीचर अनीता को भी पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। इसलिए आरोपी टीचर को छोड़े जाने पर पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

सहरसा के स्थानीय पत्रकार तेजस्वी ठाकुर विस्तार से बताते हैं कि “सम्राट विश्वास पर एक बच्ची ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। मामला 5 साल पुराना है। तब वह कक्षा 6 या 7वीं की स्टूडेंट थी। मनोचिकित्सक के पास जाने के बाद मामला सामने आया है। परिजन ने थाने में रेप की एफआईआर दर्ज कराई फिर 29 अगस्त को पुलिस ने आरोपी सम्राट को गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस अभी तक सुमित विश्वास का लैपटॉप और मोबाइल क्यों नहीं ढूंढ़ पा रही है। वहीं जितना दोषी सम्राट है उससे कही ज्यादा दोषी वो महिला है जो इस प्रकरण में शामिल है। उसकी गिरफ़्तारी अभी तक क्यों नहीं हुई?”

अंदर डायरेक्टर का बेटा करता था रेप बाहर निगरानी करती थी मैडम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 16 साल की नाबालिग लड़की ने शनिवार को मीडिया के सामने आकर पूरी आपबीती सुनाई है। उसने बताया कि, “मेरे साथ साल 2017-19 तक रेप हुआ है। मेरे स्कूल की टीचर अनीता मिश्रा ने मुझे लाइब्रेरी के बगल में एक कमरे में ले जाकर लाइट ऑफ कर दी। पहले से उस स्कूल के कमरे में स्कूल के डायरेक्टर का बेटा सम्राट भी था। उसने मेरे साथ रेप किया। यह सिलसिला लगातार 2 साल तक चलता रहा। उस वक्त मैं बहुत छोटी थी तो मैडम के डर से कुछ नहीं बोल पाई। इस घटना के बाद मैं डिप्रेशन में रहने लगी थी। फिर 2019 में तंग आकर शांति शिक्षण संस्थान को छोड़ दी और सहरसा के दूसरे स्कूल में नाम लिखवाई। फिर पटना आकर नीट की तैयारी कर रही थी। लेकिन इसी बीच में मुस्कान मुझे कॉल करती थी। मुस्कान सम्राट के साथ लिव-इन में रहती है। एक दिन उसने फोन किया कि सम्राट पटना आया है, वो तुमसे मिलना चाहता है। मुझे पिछली सारी बातें याद आने लगी। मेरा शरीर इतना कांपने लगा कि मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। 23 अगस्त को तबीयत इतनी खराब हो गई कि हॉस्टल के लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया।”

वहीं पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि सम्राट विश्वास अपने स्कूल के कक्षा 5 से लेकर कक्षा 10 तक में पढ़ने वाली बच्चियों के साथ गंदा काम करता है। मेरे दोस्त के साथ भी उसने रेप किया है। कोई लड़की अपनी बदनामी के डर से यह बात नहीं बताती है। मैं चाहती हूं कि सम्राट को फांसी मिले। साथ ही शिक्षिका अनीता मिश्रा को अरेस्ट किया जाए। इन लोगों ने मिलकर बहुत सारी बच्चियों को बर्बाद कर दिया है।

प्राइवेट स्कूल के डायरेक्टर के कमरे के बगल में रूम क्यों?

महिला विकास मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी कहती हैं कि “अधिकांश प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल के चेंबर के बगल में रूम बना होता है। आखिर रूम की क्या जरूरत है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए। सरकार को स्कूल के सभी कमरे में कैमरा लगाना अनिवार्य करना चाहिए। बिहार में ऐसे कितने स्कूलों में ऐसा काम हो रहा है। यह तो मामला आ गया तो हमें पता चला। शिक्षा को धंधा बनाकर रख दिया है कुछ लोगों ने।”

स्थानीय निवासी और समाजसेवी सुनील झा कहते हैं कि “मामला यदि पुराना हो जाता है तो उसका कोई संज्ञान नहीं लेता। जबकि आईजी साहब ने रुचि दिखाई है। लेकिन जरूरी है कि इस मामले में अंततः बालिका को न्याय मिले और अभियुक्तों को सजा।”

वहीं सहरसा के कुणाल कश्यप के मुताबिक कोसी में पोस्टिंग के बाद से शिवदीप पांडे की कार्यप्रणाली थोड़ी सुस्त पड़ गई है। आए दिन मधेपुरा, सहरसा और सुपौल में अपराध होता रहता है।

पुलिस और स्कूल के डायरेक्टर का क्या कहना है?

स्कूल के डायरेक्टर अजीत विश्वास कहते हैं कि मीडिया को दोनों तरफ के लोगों की बात बतानी चाहिए। इस प्रकरण में जांच होनी चाहिए। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं सहरसा पुलिस की तरफ से बयान आया है कि इस मामले के संबंध में सदर थाना सहरसा में प्राथमिकी दर्ज कर मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अन्य व्यक्तियों के संलिप्तता के संबंध में अनुसंधान जारी है।

(सहरसा से राहुल की रिपोर्ट।)

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