पंजाब में ड्रग तस्कारी पर तेज हुई राजनीति, SIT ने बिक्रमजीत मजीठिया को किया तलब

चंडीगढ़। नशा तस्करी से वाबस्ता एक मामले में तकरीबन सवा साल से जमानत पर चल रहे शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने फिर तलब किया है। एसआईटी ने बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को नोटिस भेज कर 18 दिसंबर की सुबह 11 बजे पटियाला रेंज स्थित दफ्तर में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि इन दिनों मजीठिया सरकार के खिलाफ खूब मुखर हैं और मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ उनकी ‘जुबानी जंग’ चल रही है। मजीठिया पूर्व केंद्रीय उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी (पूर्व केंद्रीय मंत्री) हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं। अकाली नेताओं का कहना है कि बदलाखोरी के चलते मजीठिया को घेरा जा रहा है।

दरअसल, मजीठिया के खिलाफ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 20 दिसंबर 2021 को एनडीपीसी मामले में केस दर्ज किया था। मोहाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी मामले में पिछले साल 24 फरवरी को वह पटियाला जेल भेजे गए थे और साढ़े पांच महीने के बाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी। एकबारगी फिर इसी केस में उन्हें समन्न जारी किए गए हैं।

पूर्व कांग्रेस सरकार ने दिसंबर 2021 में मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए 2018 की एक रिपोर्ट को आधार बनाया, जो कथित रूप से 2013 के एक ड्रग रैकेट से जुड़ी हुई है। 2013 में लगभग 6000 करोड़ रुपये के ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ था।

तब मुख्य आरोपी और कुश्ती में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला से पूछताछ हुई थी और उसने बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का नाम लिया था। मजीठिया से ईडी तक ने पूछताछ की लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस मामले को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू लगातार उठाते रहे। उन्होंने तत्कालीन कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर कई तरह के सवाल भी खड़े किए। जब कांग्रेस ने कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य की कमान सौंपी तो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब में ड्रग्स का मामला एक बार फिर गरमा गया।

तब मजीठिया को मोहाली में दर्ज एनडीपीसी एक्ट की धारा 25, 27-ए, और 29 के तहत गिरफ्तार किया गया था। रिमांड के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। पंजाब-हरियाणा  हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली। उसी मामले में उन्हें दोबारा तलब किया गया है।

नोटिस मिलने के बाद बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने सोशल मीडिया पर लाइव होते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री भगवंत मान का ‘लव लेटर’ मिल गया है। ‘उनकी तरफ से नहीं, बल्कि उनकी पुलिस की तरफ से।’

बिक्रमजीत सिंह मजीठिया कहते हैं, “मैं किसी से डरने वाला नहीं और तय वक्त पर एसआईटी के दफ्तर जाऊंगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की कवायद है, मेरी जुबान खामोश हो जाए और मुझे एकबारगी फिर सलाखों के पीछे डाला जाए।”

उधर, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के मुताबिक, “भगवंत मान सरकार बदलाखोरी की राजनीति कर रही है। पुलिसिया हाथ-हथकंडे इस्तेमाल करके प्रतिद्वंदियों को घेरा जा रहा है।”

दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मजीठिया पर दर्ज किए गए मुकदमे की जांच को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें तलब किया गया है।

जो हो, तय है कि आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर पंजाब का राजनीतिक तापमान बढ़ेगा। इसलिए भी कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ‘आप’ सरकार, खासतौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ बेहद मुखर हैं।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)        

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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