Tuesday, May 30, 2023

ट्रम्प का स्वागत करने वाली समिति की क्रोनोलॉजी समझिए

डोनाल्ड ट्रंप नागरिक अभिनंदन समिति की नींव गुजरात मॉडल के टाइम में वाइब्रेंट गुजरात के नाम पर तत्कालीन सीएम गुजरात के दिशा निर्देशों के तहत शुरू हुई थी।

वाइब्रेंट गुजरात के तहत एक कच्छ शरदोत्सव 2005 आयोजित हुआ था। 16 से 18 अक्टूबर 2005 में, तत्कालीन जिला कलेक्टर प्रदीप शर्मा जो बाद में साहेब की सहेली मानसी सोनी के चक्कर मे निपटा दिए गए थे, खैर वो किस्सा फिर कभी मानसी सोनी वाला, यहीं दी गयी तस्वीरों में एक पत्र है प्रिंसिपल सेक्रेटरी आर एम पटेल का जो उन्होंने प्रदीप शर्मा जिला कलेक्टर कच्छ को लिखा था और वहां निर्देशित किया गया था कि एक बैंक एकाउंट शरद महोत्सव 2005 के नाम पर जिला कलेक्टर खोलेंगे और उसमें प्राप्त राशि को एक निजी संस्थान द्वारा संचालित कमेटी को दे दी जानी है, वो कमेटी इस मेला महोत्सव के खर्च का काम देखेगी।

जिला कलेक्टर ने अडानी से 50 लाख रुपये मांगे इस शरद महोत्सव के आयोजन के लिए। अडानी ने 25 लाख रुपये का चेक भिजवा दिया, उक्त दोनों पत्रों की भी तस्वीरें दी गयी हैं।

Screenshot 2020 02 24 at 12.08.16 PM

जिला कलेक्टर ने सुजलॉन एनर्जी को भी खत लिखा और सहयोग मांगा, सुजलॉन ने 5लाख का चंदा दे दिया।

उपजिला कलेक्टर ने इफको से दस लाख का चंदा मांगा। वह भी मिल गया। इस तरह इन पंक्तियों के लेखक के पास कुल जमा 64 करोड़ रुपये का हिसाब है, उतने के पत्र जिला कलेक्टर ने विभिन्न संस्थाओं व निजी कंपनियों को लिखे और कमोबेश उतनी राशि इनको प्राप्त भी हुई। शरद महोत्सव 2005 नामक बैंक एकाउंट में जो पीएनबी में खोला गया था।

Screenshot 2020 02 24 at 12.09.13 PM

अब सवाल यह है कि यह 64 करोड़ रुपया जिला प्रशसन ने अपनी सरकारी धौंस दिखाते हुए चंदा वसूली की, और यह पैसा एक निजी मेला ऑर्गनाइजिंग कमेटी को दे दिया गया उक्त मेले का आयोजन करने हेतु।

जब जिला प्रशासन इस 64 करोड़ की उगाही कर सकता था तो वो इवेंट मैनेजमेंट का काम भी खुद कर लेता। उसको क्या जरूरत थी यह पैसा एक निजी संस्था को देने की, लेकिन ऊपर से नीचे तक सब मजबूर थे क्योंकि यह निजी संस्था मेला कमेटी के मुख्य कर्ताधर्ता साहब की दोस्त मानसी सोनी थी।

Screenshot 2020 02 24 at 12.09.53 PM

यदि इस 64 करोड़ के हिसाब पर जाऊं तो इसमें से साहब ने करीब 12000 रुपये की दूध रबड़ी खाई थी। और उनकी सहेली की शॉपिंग पर करीब 68000 खर्च हुए थे। 

आज यह सब इसलिए याद आ गया कि डोनाल्ड ट्रंप आने वाले हैं और इस आयोजन इवेंट का खर्चा एक डोनाल्ड ट्रंप नागरिक अभिनंदन कमेटी उठा रही है, ऐसा बताया गया है और इस कमेटी के बैनर तले यह पूरा इवेंट है ऐसा विदेश मंत्रालय ने कहा है, तो बरबस हंसी छूट पड़ी।

Screenshot 2020 02 24 at 12.10.27 PM

कुछ ऐसा ही हुआ होगा, गुजरात सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने कुछ इसी तरह के पत्र विभिन्न निजी कंपनियों को लिखे गए होंगे और पैसा उगाही हुई होगी और इस पैसे को फिर इस निजी कमेटी को दे दिया जाएगा।

अर्थात सरकारी डंडे के दम पर कॉरपोरेट से चंदा उगाही कर के मनमाना इवेंट आयोजित करवाना और इस इवेंट से अपनी ब्रांडिंग छवि चमकाना यही है मोदी जी का गुजरात मॉडल।

जबकि कायदे से एक जिला कलेक्टर को एक बैंक एकाउंट तक खोलने की परमिशन कैबिनेट की बैठक में हुई मंजूरी के बाद मिलती है, यदि एकाउंट खुल भी गया तो उस पैसे को किसी निजी संस्था को देने का हक भी नहीं है। पूरा मामला ग़ैरविधिक व अनैतिक है।

Screenshot 2020 02 24 at 12.10.50 PM

ट्रम्प आ रहे हैं इस आयोजन के खर्च का प्रावधान न तो केंद्र सरकार के बजट में होगा और न किसी राज्य सरकार के बजट में, ऐसे में इस तरह से चंदा उगाही सरकारी डंडे व ताकत के दम पर करवाना और बदले में इन कॉरपोरेट को नमक का कर्ज अदा तो करना ही पड़ेगा।

यही है क्रोनोलॉजी इस पूरे झोलझाल की, इसी तरह से पैसा आता है यहां…यह तरीका पूर्णतः गैरकानूनी है आपराधिक कृत्य है।

(नवनीत चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल दिल्ली में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles

2012 से ही अडानी की दो ऑफशोर शेल कंपनियां I-T रडार पर थीं

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह की जिन कंपनियों का जिक्र हुआ है उनमें...

पहलवानों पर किन धाराओं में केस दर्ज, क्या हो सकती है सजा?

दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुई हाथापाई के मामले में प्रदर्शनकारी पहलवानों और अन्य...