वाराणसी। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी और प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने अपने संयुक्त बयान में हाथरस के दर्दनाक सत्संग कांड में हुई मौतों पर गहरा शोक व्यक्त किया है साथ ही भगदड़ में मारे गए लोगों जिसमें महिलाओं और बच्चों की संख्या सबसे अधिक है, के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
प्रदेश सचिव ने कहा कि हाथरस का दर्दनाक हादसा जिला प्रशासन की लापरवाही से ही हुआ है उन्होंने कहा कि सत्संग में हजारों लोगों के शामिल होने की जानकारी और अनुमति जिला प्रशासन के संज्ञान में थी बावजूद इसके सत्संग आयोजन के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया था। मौके पर पर्याप्त पुलिस प्रशासन की गैर मौजूदगी यह दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सिर्फ अपने भाषणों में ही प्रदेश की जनता को सुरक्षा देने की लफ्फाजी कर रहे हैं। जबकि हकीकत में योगी सरकार से यूपी की जनता त्रस्त हो चुकी है।
प्रदेश सचिव ने यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्ट से यह ज्ञात हुआ है की इस हादसे में जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें फरार सत्संगी भोले बाबा जिनका पिछला आपराधिक रिकार्ड है (यौन शोषण के कई मुकदमे भी दर्ज हैं) का नाम दर्ज नहीं है इससे यह सिद्ध होता है कि भाजपा ऐसे पाखंडी बाबाओं को संरक्षण देने का काम कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की प्रदेश में कभी सौंदर्यीकरण कभी सड़क चौड़ीकरण के नाम पर गरीबों को उनकी जमीनों से बेदखल करके सताया जा रहा है तो कभी बाबाओं के सत्संग के नाम पर की जा रही प्रशासनिक अव्यवस्था और आपराधिक पृष्ठभूमि के बाबाओं के खुले संरक्षण के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। हाथरस की ही दलित लड़की को आज तक न्याय नहीं मिला है।
-हाथरस सत्संग कांड में ऐपवा मांग करती है कि
-भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
-घायलों को उच्च मेडिकल ट्रीटमेंट की गारंटी की जाए।
-हाथरस हादसे की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की जाए।
-आपराधिक रिकार्ड वाले भोलेबाबा पर एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए इसके साथ ही प्रदेश में तमाम आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बाबाओं और उनको संरक्षण देने वाले राजनेताओं और नौकरशाहों के साथ उनके संबंधों की जांच पड़ताल की जाए।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित रिपोर्ट।)
+ There are no comments
Add yours