रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए आज अंतिम चरण का मतदान हो रहा है। इस बीच एक अहम बात छत्तीसगढ़ में हुई, जहां देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार महिलाएं किसी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी प्रक्रिया की पूरी जिम्मेदारी निभा रही हैं। प्रदेश की राजधानी रायपुर में रायपुर उत्तर विधानसभा सीट के 201 बूथों पर महिलाओं ने पूरी मतदान प्रक्रिया की कमान संभाली हुई है, जो भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल देश में अपनी तरह की पहली पहल है। छत्तीसगढ़ में 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव का दूसरा और अंतिम चरण 17 नवंबर को सुबह से शुरू हुआ, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
रायपुर जिला प्रशासन ने गुरुवार को बताया कि, “रायपुर शहर उत्तर सीट पर 201 मतदान केंद्र हैं और सभी ‘संगवारी बूथ’ हैं, जहां पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी तक सभी महिलाएं हैं। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार महिलाएं किसी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी प्रक्रिया की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगी।”
जिला प्रशासन के अनुसार, “201 मतदान केंद्रों और सभी बूथों पर महिला अधिकारी हैं, जिसमें से 804 महिलाओं की सीधी जिम्मेदारी है, जबकि लगभग 200 महिलाओं को रिजर्व में रखा गया है। इस सीट के लिए पर्यवेक्षक महिला आईएएस अधिकारी विमला आर हैं, और उनकी संपर्क अधिकारी भी एक महिला हैं। अधिकांश बूथों पर सुरक्षा का प्रबंधन भी महिला कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।”
छत्तीसगढ़ में चुनावी प्रक्रिया की देखरेख भी महिला आईएएस अधिकारी कर रही हैं। रीना बाबा साहेब कंगाले राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। दलित समुदाय से आने वाली कांगले 2003 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, उन्होंने जिला कलेक्टर रहते हुए भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
वर्तमान में वाणिज्यिक कर सचिव के पद पर तैनात कंगाले को चुनाव की घोषणा के बाद स्थानांतरित कर छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर नई पोस्टिंग दी गई है। वह महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रही हैं।
रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 1010 के लिंगानुपात के अनुसार यहां प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 1010 महिलाओं की उपस्थिति है। एक विधानसभा क्षेत्र में संपूर्ण मतदान प्रक्रिया का प्रबंधन महिलाओं द्वारा किए जाना भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह महिलाओं की क्षमताओं और नेतृत्व कौशल को प्रदर्शित करता है और जीवन के सभी क्षेत्रों में लैंगिक समानता के महत्व के बारे में एक मजबूत संदेश भेजता है।
रायपुर के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि “एक विधानसभा सीट की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपने की अवधारणा चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत में ही सामने आई थी। यह एक ऐतिहासिक घटना है जब पूरी टीम में महिलाएं ही शामिल हैं।”
भूरे के अनुसार “सभी महिलाओं में काफी आत्मविश्वास और ऊर्जा है कि वे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को कुशलता से निभा पाएंगी। रायपुर शहर दक्षिण खंड में भी आधे बूथों पर महिलाकर्मी तैनात की गई हैं। इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।”
राज्य की 70 सीटों पर 958 उम्मीदवार
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि इस बार राज्य में कुल 958 उम्मीदवार हैं, जिनमें 827 पुरुष, 130 महिला और एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं। सभी उम्मीदवार 22 जिलों में फैले 70 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत के लिए खड़े हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में होने वाले चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदाताओं की संख्या 16,314,479 है।
उम्मीदवारों में भाजपा और कांग्रेस के 70-70 उम्मीदवार हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के 44, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के 62 और हमार राज पार्टी के 33 दावेदार दूसरे चरण के लिए मैदान में हैं। इसके अतिरिक्त, बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी गठबंधन के क्रमशः 43 और 26 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
सत्तारूढ़ कांग्रेस वर्तमान चुनाव में कुल 90 में से 75 से अधिक सीटें हासिल करने की अपनी उम्मीद पर जोर दे रही है, जबकि भाजपा का लक्ष्य राज्य में वापसी करने की है, जिसने 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक राज्य में शासन किया था। 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 सामान्य हैं, जबकि 17 अनुसूचित जनजाति और 9 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
दूसरे चरण के चुनाव में सबकी निगाहें हाई प्रोफाइल सीटों पर हैं, जिनमें पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव अंबिकापुर सक्ती से विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और भाजपा सांसद और राज्य बीजेपी प्रमुख अरुण साव लोरमी से चुनाव लड़ रहे हैं।
(छत्तीसगढ़ के रायपुर से गोल्डी एम. जॉर्ज की रिपोर्ट।)
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