नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा बुलंद करती रही है। लेकिन केंद्र सरकार का यह नारा सरकारी विज्ञापनों और चुनावी रैलियों तक सिमट कर रह गया है। जबकि सच्चाई यह है कि धरातल पर पिछले आठ साल में महिलाओं पर अपराध बढ़े हैं। यह सिर्फ महिलाओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाज के पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासियों के साथ अपराध बढ़े हैं। स्कूल-कॉलेज जाती लड़कियां हो या घर में बैठी महिलाएं, अपराधी बेखौफ अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
ताजा मामला राजस्थान के जैसलमेर जिले का है। जहां सगाई टूटने पर एक युवक अपने साथियों के साथ फॉर्चूनर पर सवार होकर आया, और लड़की को अगवा कर जंगल में ले गया, और लड़की को गोद में लेकर शादी करने के लिए आग के समक्ष फेरे लेने लगा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शासन-प्रशासन की नींद टूटी। वायरल वीडियो में, एक व्यक्ति, जिसे बाद में पुलिस ने पुष्पेंद्र सिंह के रूप में पहचाना, जैसलमेर के मोहनगढ़ पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले सांखला गांव में एक रोती हुई महिला को जबरन अपनी बाहों में लेकर आग का चक्कर लगाते हुए देखा जा सकता है। जिसमें पीड़िता रोती-बिलखती नजर आ रही है और अन्य दबंग बेशर्मी से वीडियो बना रहे हैं।
घटना को लेकर युवती के परिजनों ने बताया कि 15 से 20 लोगों ने 1 जून को सुबह घर के आगे से उनकी बेटी को किडनैप कर लिया। सभी लोग फॉर्चूनर से आए थे। इसके बाद लड़की के साथ आरोपी ने एक सुनसान स्थान पर फेरे ले लिए।
अब इस पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्वीट कर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। मेघवाल ने घटना के वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘राजस्थान में कांग्रेसी जंगलराज’ कायम है।
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास सांगवान के अनुसार, यह घटना 1 जून को हुई थी। “पुरुष और महिला दोनों एक ही जाति के हैं और उनके परिवार उनकी शादी के लिए बातचीत कर रहे थे। हालांकि, महिला का परिवार आखिरकार पीछे हट गया और मुख्य आरोपी पुष्पेंद्र ने फिर लड़की को शादी के लिए मजबूर करने की कोशिश की। दोनों वयस्क हैं।”
पुलिस ने वायरल वीडियो के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा कि पुष्पेंद्र और उसके साथियों अभय सिंह और विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। जबकि उसके साथी त्रिलोक सिंह को डिटेंन किया गया है। एसपी ने कहा कि गिरफ्तार लोगों को अदालत में पेश किया गया और तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
एसपी ने कहा कि प्राथमिकी धारा 366 (अपहरण, अपहरण या महिला को उसकी शादी के लिए मजबूर करने, आदि), 354 (उसकी शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 323 के तहत दर्ज की गई थी (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और भारतीय दंड संहिता के 341 (गलत ढंग से रोकना)।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार पुष्पेंद्र सिंह की युवती के साथ पूर्व में सगाई हुई थी। युवती के परिजनों ने बाद में युवक के साथ अपनी बेटी की सगाई तोड़ दी। इसके बाद युवती की किसी अन्य परिवार में सगाई तय की। 12 जून को शादी होना तय किया गया। लेकिन इसी बीच पुष्पेंद्र सिंह (पूर्व में सगाई वाला युवक) ने सगाई तोड़ने का बदला लेने की योजना बनाई। युवक ने लड़की का अपहरण कर लिया और जबरदस्ती फेरे भी ले लिए।
इस घटना के बाद पीड़िता का परिवार सदमे में है। युवती के परिजनों ने कलेक्टर ऑफिस और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर टीना डाबी और पुलिस अधीक्षक विकास सागवान के नाम ज्ञापन सौंपा है। पीडि़ता के पिता चुना सिंह ने कहा है कि युवती के अपहरण में शामिल सभी आरोपियों को 2 दिन में गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन करेंगे।
(जनचौक की रिपोर्ट।)
+ There are no comments
Add yours