महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खारघर क्षेत्र में रविवार को आयोजित एक पुरस्कार समारोह में तेज धूप में काफी देर तक खड़े रहने के कारण 11 लोगों की मौत हो गई। कार्यक्रम के दौरान तबियत बिगड़ने से लगभग 50 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनमें से 24 अभी भी भर्ती हैं और दो की हालात गंभीर बनी हुई है। नवी मुंबई और पनवेल शहर के अस्पतालों में कुछ मरीज अभी ‘वेंटिलेटर’ पर हैं। जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद वहां से छुट्टी दे दी गई।
नवी मुंबई के खारघर में एक खुले मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तेज धूप के चलते डिहाइड्रेशन और लू (हीटस्ट्रोक) से 11 लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया।‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को यह पुरस्कार प्रदान किया।
11 लोगों की मौत पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के लिए गलत समय चुना और इस “लापरवाही और उपेक्षा भरे व्यवहार” के कारण 11 लोगों की मौत हो गई।
आधी रात के आसपास खारघर के एमजीएम अस्पताल में मरीजों से मिलने वाले अजीत पवार और ठाकरे ने कहा कि हीटस्ट्रोक से पीड़ित लोगों और मरने वालों की संख्या पर कोई स्पष्टता नहीं है। सरकार हताहतों की संख्या को छिपाने की कोशिश कर रही है।

पवार ने कहा अभी तक कितने लोगों की जान गई है, या घायल हुए हैं और कितने लोगों को छुट्टी दी गई है, यह सामने नहीं आया है। संख्या छिपाई जा रही है।
अजीत पवार ने कहा “कुल मिलाकर, ऐसा लगता है कि समय चुनाव और खराब प्रबंधन घटना के पीछे का कारण है। मुझे नहीं पता कि कोई पूछताछ होगी या नहीं क्योंकि मीडिया के मुताबिक अमित शाह जी को जाना था और इसलिए कार्यक्रम दोपहर में आयोजित किया गया था। कौन किसके खिलाफ जांच करेगा? लेकिन मासूमों की जान चली गई है। अगर यह सच है कि सिर्फ इसलिए कि अमित शाह के पास समय नहीं था और इसलिए कार्यक्रम दोपहर में आयोजित किया गया तो यह एक बहुत ही दुखद और अजीब है।”
कांग्रेस ने अप्रैल महीने की कड़ी धूप में बिना किसी व्यवस्था के कार्यक्रम करने पर नाराजगी व्यक्त की है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि 42 डिग्री सेल्सियस में खुले में लोगों को बैठाया गया, लोग बेहोश होते रहे, भाषण चलता रहा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एमजीएम अस्पताल का दौरा किया और इसे “वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक घटना” कहा और मरने वालों के परिवार के सदस्यों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया किया जाएगा। राज्य सरकार उनके इलाज के लिए अपने खजाने से भुगतान करेगी।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अगर मरीजों का अतिरिक्त इलाज किये जाने की जरूरत है, तो उन्हें विशेष अस्पतालों में भेजा जाए। जबकि अजीत पवार ने कहा कि जब वे मरीजों से मिले तो उनमें से कुछ ने उन्हें बताया कि उनके पास खाना नहीं है।
भाजपा और महाराष्ट्र की सरकार इस मामले में चुप्पी साध रही है। लेकिन 11 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार निशाने पर है।
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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