अजित पवार की कैबिनेट बैठक में गैरमौजूदगी पर उठे कई सवाल, सुप्रिया सुले ने कहा-तीन महीने में ही पूरा हो गया हनीमून

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हालिया एक्शन ने एक बार फिर से महाराष्ट्र राजनीति में बीजेपी की गुटबाजी को सामने लाकर रख दिया है। अजित पवार द्वारा मंगलवार को कैबिनेट बैठक से खुद को बाहर करने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ दिल्ली नहीं जाने पर विपक्ष ने उनकी अनुपस्थिति को एक “राजनीतिक बीमारी” बताया है। अजित का यह रुख सूबे में एक नई राजनीतिक हलचल की तरफ संकेत कर रही है।

विपक्षी नेता विजय वडेट्टिवार ने बयान दिया है कि “अजित पवार राजनीतिक बीमारी से पीड़ित प्रतीत होते हैं….वह स्पष्ट रूप से जिला संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति में देरी से परेशान हैं।” शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने के महीनों बाद, अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कुछ मंत्रियों को अभी भी जिला संरक्षक मंत्री के रूप में जिम्मेदारियां नहीं सौंपी गई हैं।

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र में ट्रिपल इंजन सरकार को सत्ता में आए अभी तीन महीने ही हुए हैं…और मैंने सुना है कि एक गुट नाराज चल रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि जो गुट नाराज है, उसने फड़णवीस से मुलाकात की और उन्हें अपनी नाराजगी से अवगत कराया है। तीन महीने में अभी हनीमून ख़त्म नहीं हुआ है और समस्याएं अभी से सामने आने लगी हैं, महज तीन महीने में ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार कौन चला रहा है?”

सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ सही न होने की अटकलों के बीच, एकनाथ शिंदे ने कहा कि अजित पवार कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह अस्वस्थ थे। मंगलवार शाम देवेंद्र फड़णवीस के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए शिंदे ने कहा, “इसको लेकर किसी तरह की अफवाह फैलाने की ज़रूरत नहीं है।”

अजित पवार गुट से ताल्लुक रखने वाले एनसीपी मंत्री छगन भुजबल ने अजित पवार के समर्थन में कहा कि “अजित दादा के गले में संक्रमण था और इसलिए वह दिल्ली नहीं जा सके। जब वो मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई और हमें संदेश मिला कि उनकी तबियत ठीक नहीं है। अगर अजित दादा अपने आवास से कैबिनेट बैठक में नहीं आ सके तो वह दिल्ली कैसे जाएंगे?”

यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार ‘राजनीतिक बीमारी’ से पीड़ित हैं, भुजबल का जवाब था  ‘नहीं’।

एनसीपी प्रवक्ता संजय तटकरे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अजित पवार को गले में संक्रमण है। “वह बोलने की स्थिति में नहीं हैं और उन्हें थोड़ा बुखार भी है। वह घर पर आराम कर रहे हैं।”

एनसीपी सूत्रों के अनुसार, अजित पवार इसलिए नाराज हैं क्योंकि उनके कुछ मंत्रियों को जिला संरक्षक मंत्री नियुक्त करने की उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। उन्होंने छगन भुजबल (नासिक), हसन मुश्रीफ (कोल्हापुर), धनंजय मुंडे (बीड) और अदिति तटकरे (रायगढ़) के लिए जिला संरक्षक मंत्री पद की मांग की है।

एनसीपी सूत्रों ने बताया कि अजित पवार गुट सतारा की जिला संरक्षकत्व के लिए भी दबाव बना रहा है। “रायगढ़ और सतारा दोनों में, शिंदे सेना के मंत्री संरक्षक मंत्री हैं। दरअसल, शंभूराज देसाई ठाणे और सतारा के मंत्री हैं। हम सतारा की मांग कर रहे हैं…रायगढ़ में शिंदे सेना के मंत्री उदय सामंत संरक्षक मंत्री हैं। हम तटकरे के लिए रायगढ़ की तलाश कर रहे हैं।”

पुणे में, भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल जिला संरक्षक मंत्री हैं, यह पद अजित पवार अपने लिए चाहते हैं। हालांकि, भाजपा इसे छोड़ना नहीं चाहती है।

(द इंडियन एक्सप्रेस की खबर पर आधारित।)

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