भावनगर: दलित शख्स पर हमले के आरोपियों ने की उसकी मां की हत्या

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नई दिल्ली। गुजरात के भावनगर में एक और दलित उत्पीड़न की घटना सामने आयी है। इस घटना में चार साल पहले एक दलित शख्स की पिटाई के आरोपी चार लोगों ने उसकी मां को इस तरह से पीटा कि उसकी मौत हो गयी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चारों आरोपी उसकी मां पर समझौता करने का दबाव डाल रहे थे लेकिन वह उसके लिए तैयार नहीं थी। घटना रविवार की है। पुलिस का कहना है कि हमले में शामिल चार में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। और इन सभी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

बोरतालाव पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक 45 वर्षीय गीता मारू रविवार को शाम छह बजे फुलसर इलाके में स्थित एक दुकान से बीड़ी खरीदने के लिए घर से बाहर निकली थीं, उसी समय शैलेश कोली उसका मित्र रोहन कोली और दो अन्य जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पायी है, ने उनसे संपर्क किया।

हाथ में लोहे की पाइप लिए इन चारों लोगों ने घरेलू महिला गीता को एकाएक गाली देना शुरू कर दिया। उसके बाद शैलेश और रोहन ने उसके सामने इस बात का प्रस्ताव रखा कि वो उसके बेटे गौतम की ओर से तीन साल पहले दर्ज की गयी पुलिस शिकायत के मामले में अदालत के बाहर समझौता करे।

मौत से पहले पुलिस के सामने शिकायतकर्ता गीता द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर के मुताबिक- जब गीता ने समझौता करने से इंकार कर दिया तो चारों सदस्यों ने उसे पाइप से पीटना शुरू कर दिया।

हमले के बाद गीता के पति लाखू और उनकी बेटी अंजली इलाज के लिए उसे लेकर सर तख्तासिंह जी जनरल अस्पताल लेकर भागे। लाखू मजदूरी का काम कर अपनी रोजी-रोटी कमाता है।

भावनगर के एसपी हर्षद पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछली रात इलाज के दौरान वह पूरी तरह से होश में थीं और हमने उनकी शिकायत रिकॉर्ड की। हालांकि बाद में उनकी स्थिति में एकाएक गिरावट आने लगी। और सोमवार को सुबह उनकी मौत हो गयी।

उन्होंने आगे बताया कि अप्रैल, 2020 में शैलेश और रोहन ने गीता के बेटे गौतम पर हमला किया था। रोहन कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में मजदूरी करता था। हमले के बाद गौतम की शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 323 और 324 के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया था।

पटेल ने बताया कि आरोपी और पीड़ित एक ही इलाके में रहते हैं। रविवार को आरोपियों ने इस बात का प्रस्ताव दिया कि क्योंकि वो पड़ोसी हैं लिहाजा उन्हें मिलकर इस पुराने केस को कोर्ट के बाहर हल कर लेना चाहिए। लेकिन महिला ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जिसके बाद आरोपियों ने उस पर हमला बोल दिया।

गीता के परिजनों ने शुरुआत में शव लेने से इंकार कर दिया था। वो सबसे पहले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। पटेल ने बताया कि सोमवार को चार आरोपियों में से तीन की गिरफ्तारी के बाद ही पीड़िता के परिजनों ने शव लिया। चौथे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है।

उन्होंने आगे कहा कि गीता की शिकायत के आधार पर सेक्शन 323 और सेक्शन 326 के तहत रविवार शाम को बोरतालाव पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया था। उनकी मौत के बाद सोमवार को धारा 302 को उसमें जोड़ दिया गया।

गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान रोहन कोली उर्फ रोहन मकवाना, आकाश उर्फ अकेलो (22) और जयदीप उर्फ भूरो पठाया (23) के नाम से की गयी है। ये सभी भावनगर शहर के रहने वाले हैं।

दलित नेता और कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी के मुताबिक जैसा कि कोर्ट मामले की सुनवाई करने वाला था उसके पहले ही आरोपियों ने इस केस को कोर्ट के बाहर सेटिल करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था।

मेवानी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा कि गौतम के परिजन मामले में समझौता नहीं करना चाहते थे। वो कोर्ट के जरिये न्याय चाहते थे। नतीजतन कल यानि रविवार को आरोपियों ने गौतम की मां पर हमला बोल दिया।   

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