कांग्रेस ने बदला यात्रा का स्थल, इंफाल नहीं अब थौबल जिले से शुरु होगी न्याय यात्रा

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 जनवरी से शुरु होने वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का स्थल अब पार्टी ने बदल दिया है। पहले ये यात्रा मणिपुर में इम्फाल जिले के पैलेस कंपाउंड से शुरु होने वाली थी लेकिन अब ये यात्रा थौबल जिले से शुरु होगी। राज्य सरकार ने पैलेस कमाउंड में यात्रा से पहले शुरुआती बैठक की इजाजत देने से मना कर दिया था जिसके बाद पार्टी ने ये फैसला लिया है।

यात्रा के लिए इंफाल में एक सार्वजनिक बैठक की इजाजत देने से राज्य सरकार ने इनकार कर दिया है। सरकार ने इसके लिए मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला दिया है।

हालांकि, राज्य सरकार ने कहा है कि यदि यात्रा में कम संख्या में प्रतिभागी हों तो उसे यात्रा के लिए इजाजत देने में कोई गुरेज नहीं है। राज्य सरकार के इस रवैये को कांग्रेस ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) ने कहा कि ये अफसोसजनक है क्योंकि यात्रा गैर-राजनीतिक है।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में होने जा रही है। इससे पहले उन्होंने पिछले साल जून में मणिपुर का दौरा किया था और हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की थी। राज्य में 3 मई, 2023 को शुरू हुए संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और 67,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।

हालांकि एआईसीसी और एमपीसीसी नेताओं ने कहा कि किसी भी हाल में यात्रा जरुर शुरु होगी। एआईसीसी सदस्य एन. बुपेंडा मैतेई ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है कि “हालांकि मुख्यमंत्री ने मणिपुर में न्याय यात्रा के शुभारंभ के लिए इम्फाल पूर्व में हप्ता कांगजीबंग पैलेस कंपाउंड के उपयोग की हमें अनुमति देने से इनकार कर दिया, हम फिर भी 14 जनवरी, 2024 को मणिपुर के लोगों के साथ मणिपुर में यात्रा शुरू करेंगे।”

एमपीसीसी अध्यक्ष और विधायक के. मेघचंद्र ने दोपहर के आसपास इंफाल में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और एमपीसीसी प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई एक बैठक के तुरंत बाद खबर दी कि बातचीत में कोई नया रास्ता निकाला गया है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने इंफाल पूर्व में कार्यक्रम स्थल की अनुमति पाने के लिए 2 जनवरी को एक आवेदन जमा किया था जिसकी स्थिति जानने के लिए वे बुधवार 10 जनवरी को मुख्यमंत्री से मिले।

उन्होंने कहा कि “माननीय मुख्यमंत्री ने आयोजन स्थल (पैलेस कंपाउंड) के लिए अनुमति देने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मणिपुर में कोई भी सार्वजनिक जमीन नहीं देंगे। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सार्वजनिक भूमि सार्वजनिक प्रयोजन के लिए होता है। यह हमारे अधिकारों का उल्लंघन है।“

मेघचंद्र ने कहा, ”यह यात्रा राजनीतिक नहीं है, भले ही हम एक राजनीतिक दल हों।”

अब थौबल जिले से होगी यात्रा की शुरुआत

कांग्रेस ने तय किया है कि यात्रा की शुरुआत में होने वाली बैठक अब थौबल जिले के खोंगजोम युद्ध स्मारक के पास एक निजी भूखंड पर करेगी। पहले ये बैठक इम्फाल पूर्वी जिले में पैलेस कंपाउंड में होने वाली थी। बैठक की नई जगह पैलेस कंपाउंड से लगभग 35 किमी दूर है।

एमपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष के. देवब्रत सिंह ने बुधवार शाम द टेलीग्राफ को बताया कि “नये स्थल का अपना महत्व है क्योंकि यह जगह 1891 के एंग्लो-मणिपुरी युद्ध के शहीदों की याद में बने युद्ध स्मारक के पास है। यह स्मारक देशभक्ति का प्रतीक है। हम चाहते हैं कि राहुल जी बैठक शुरू करने से पहले स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करें। हम बैठक को छोटा रख रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि, “मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण हमें सार्वजनिक बैठक नहीं करनी चाहिए।”

सिंह ने कहा “हमने यह कहते हुए जवाब दिया कि यात्रा राज्य में शांति और सद्भाव के लिए है और हमें सार्वजनिक बैठक करने की अनुमति दी जाए। लेकिन मुख्यमंत्री अपनी जिद पर अड़े रहे कि हमें सार्वजनिक बैठक नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह यात्रा के लिए तो अनुमति देंगे लेकिन सार्वजनिक बैठक के लिए नहीं।”

उन्होंने कहा कि “कानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देकर बैठक से मना करना ठीक नहीं था क्योंकि मुख्यमंत्री ने खुद दावा किया था कि राज्य में हालात सामान्य हो गए हैं। फिर वह सार्वजनिक बैठक से इनकार क्यों कर रहे हैं? हमने उनसे कहा कि हम सरकार या हिंसा के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलने जा रहे हैं। हम सभी के लिए शांति, सद्भाव और दो परस्पर विरोधी दलों के बीच सुलह की बात करेंगे। हम कांग्रेस के झंडे का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हम राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अपनी बात पर अड़े रहे।”

कांग्रेस ने बैठक में पब्लिक साउंड सिस्टम का उपयोग करने को लेकर एक आवेदन दिया था। राज्य के गृह विभाग ने आवेदन के संबंध में इंफाल पूर्व के डिप्टी कमिश्नर के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि “संबंधित एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मामला नाजुक है और इस समय खास तौर पर मौजूदा कानून-व्यवस्था के हालात को देखते हुए ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है।“

गृह विभाग ने यह भी कहा कि 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस है और इस मौके पर फर्स्ट एमआर बैंक्वेट हॉल में समारोह होगा जहां मुख्यमंत्री चीफ गेस्ट होंगे। उनके साथ सभी वरिष्ठ मंत्री, विधायक, नागरिक और सुरक्षा अधिकारी भी वहां मौजूद होंगे।

संयुक्त सचिव (गृह), डॉ. एम.वी. सिंह ने डीसी को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी किया है जिसमें कहा गया है कि “इसलिए इंफाल पूर्व के जिला मजिस्ट्रेट यात्रा को तभी अनुमति दे सकते हैं जब यात्रा में कम लोग हों। यात्रा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की संख्या और नाम पहले से लिए जाएं और सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य के अधिकारियों से मदद मांगी जा सकती है।“

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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