16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल और ग्रामीण बंद को सफल बनाएं किसान और मजदूर: डॉ सुनीलम

Estimated read time 1 min read

किसान संघर्ष समिति द्वारा शुक्रवार को धाबला में 314 वीं किसान पंचायत पूर्व विधायक डॉ सुनीलम एवं प्रदेश उपाध्यक्ष आराधना भार्गव की उपस्थिति में, जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के की अध्यक्षता में संपन्न हुई। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि लोकतंत्र में जब विधायक, सांसद और सरकारें जनता की समस्याओं का हल नहीं करती तब उन्हें सड़कों पर उतरकर आवाज बुलंद करनी होती है।

डॉ सुनीलम ने मुलताई किसान आंदोलन, छिंदवाड़ा किसान आंदोलन, मंदसौर किसान आंदोलन, संयुक्त किसान मोर्चे के आंदोलन एवं अन्य आंदोलनों के उदाहरण देते हुए कहा कि सिंचाई का पानी नहीं मिलने से किसानों को खेती छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह किसानी और गांव को नष्ट करने की साजिश है।

डॉ सुनीलम ने मुलताई विधायक, बैतूल सांसद और प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे किसानों को सिंचाई का पानी तत्काल उपलब्ध कराएं अन्यथा किसानों को कड़े निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

डॉ सुनीलम ने देश भर में किसानों एवं मजदूर संगठनों द्वारा 16 फरवरी 24 को किए जा रहे ग्रामीण बंद और औद्योगिक हड़ताल को सफल बनाने की अपील की।

प्रदेश उपाध्यक्ष एड. आराधना भार्गव ने कहा कि किसान संघर्ष समिति ने छिंदवाड़ा में पेंच व्यपवर्तन परियोजना से प्रभावित किसानों को संपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास कराने, प्रभावितों के स्थाई रोजगार का प्रबंध कराने की लंबी लड़ाई लड़ी है अभी तक अडानी पेंच पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने दिया है। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति ने जिस भी मुद्दे पर अभियान चलाया है उसमें सफलता हासिल की है।

जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के ने कहा कि किसानों को पार्टियों से ऊपर उठकर अपने अधिकारों की लड़ाई में एकजुट होना होगा। एकजुटता के अभाव में सरकारें और अधिकारी किसानों की उपेक्षा करते हैं। उन्हें छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान होना पड़ता है।

किसान पंचायत में विभिन्न ग्रामों से आए किसानों ने कहा कि पहले पारसडोह बांध की नहर से मुलताई क्षेत्र के असिंचित गांव के किसानों को पानी देने हेतु सर्वे कराया गया था लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के चलते नहर बैतूल क्षेत्र की ओर ले जाई गई। कई बार विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री को ज्ञापन पत्र दिया गया लेकिन किसानों को केवल आश्वासन ही मिला है। अब किसान एक बार फिर से सांसद, विधायक और मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे। उनके द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर आगे की कार्यवाही करेंगे।

किसान पंचायत में उपस्थित किसानों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि सिंचाई का पानी नहीं मिला तो सामुहिक तौर पर ग्रामवासी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर 16 फरवरी को मुलताई में किसान स्तंभ पर धरना कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। जिसमें विभिन्न ग्रामों से किसान हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन मुख्यमंत्री को एसडीएम के माध्यम से भेजेंगे।

किसान पंचायत में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराओ किसान संघर्ष समिति गठित की गई। किसान पंचायत के बाद डॉ सुनीलम एवं जगदीश दोड़के ने मुलताई की अनुविभागीय अधिकारी तृप्ति पटेरिया से मिलकर उन्हें किसान पंचायत के फैसलों से अवगत कराया तथा किसानों की चेतावनी को गंभीरता से लेने की अपील की।

किसान पंचायत को किसंस जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण बोरबन, सांडिया के पूर्व सरपंच कृष्णा ठाकरे, गुलाब देशमुख, परमंडल की उप सरपंच गीता हारोड़े, ताराचंद साहू आदि ने भी संबोधित किया।

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments