क्या आपने कभी शहतूत देखा है/ जहां गिरता है, उतनी जमीन पर/ उसके लाल रस का धब्बा पड़ जाता है।/ गिरने से ज्यादा/ पीड़ादायी कुछ नहीं।/मैं ने कितने मजदूरों को देखा है/ इमारतों से गिरते हुए/ गिरकर शहतूत बन...
धनबाद। 29 मई को झारखंड के धनबाद-गोमो रेलखंड के निचितपुर हॉल्ट तथा तेतुलमारी स्टेशन के बीच झारखोर रेलवे क्रॉसिंग के पास बिजली का पोल लगाने के क्रम में करंट लगने से 6 ठेका मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत...
मिर्जापुर/जौनपुर। 90 के दशक तक दो बैलों के सहारे पूरे परिवार के दस सदस्यों का पेट भरते आये रामनिहोर चौहान खुद के साथ दूसरों के खेतों में हल और बैल से खेत की जुताई कर इलाके में पहचान बने...
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के तहत मिलने वाला रोजगार गांवों के मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का सहारा है। कोविड काल में शहरों से भागकर गांवों में आए लोगों के लिए यह जिंदा रहने का सबसे बड़ा उपाय बना...
आज असहमति के किसी भी रूप में आप सत्ता के खिलाफ खड़े हैं तो आप ही नहीं आप का परिवार, सहयोगी, शुभचिंतक हर किसी को उसमें शामिल मान लिया जाएगा। जनविरोधी नीतियों से किसी भी तरह की असहमति या...
झारखंड के जमशेदपुर में विनाशकारी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए धरना दिया गया। इसमें बड़ी संख्या में किसानों और मजदूरों ने भागीदारी की।
किसान आंदोलन एकजुटता...
जमाखोरी, न्यूनतम समर्थन मूल्य के खात्मे, ठेका खेती के जरिए जमीनों पर कब्जा करने और देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालकर खेती किसानी को देशी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने की आरएसएस-भाजपा की मोदी सरकार की कोशिश...
पंजाब के ज़िला पटियाला के रहने वाले 70 साल के हरदीप सिंह दिल्ली की दिलदारी के क़ायल हो गए हैं। ये वही बुजुर्ग हैं, जिन्होंने देश की रक्षा करने के लिए बनाए गए सुरक्षा बलों के डंडों को झेला।...
मुंबई में रहने वाली मित्र Alpana Upadhyay बिहार के चुनाव परिणामों और वहां पर उठे सवालों पर मेरी पोस्ट के जवाब में कहती हैं, “देश की जनता भूखी नहीं मूर्ख है, और बिहार चुनाव से यह साबित भी हो...
दिल्ली के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार ने सरकारी तामझाम और टीवी समेत तमाम विज्ञापनों के जरिए इस साल दीपावली के अवसर पर शुभ मुहुर्त निकलवा कर दो करोड़ लोगों को सामूहिक पूजा में भाग लेने की अपील...