Tuesday, April 16, 2024

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झारखंड में जारी है कृषि कानूनों का विरोध, किसान-मजदूरों ने निकाली रैली

झारखंड के जमशेदपुर में विनाशकारी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए धरना दिया गया। इसमें बड़ी संख्या में किसानों और मजदूरों ने भागीदारी की। किसान आंदोलन एकजुटता...

मौजूदा लेबर कोड मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज

जमाखोरी, न्यूनतम समर्थन मूल्य के खात्मे, ठेका खेती के जरिए जमीनों पर कब्जा करने और देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालकर खेती किसानी को देशी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने की आरएसएस-भाजपा की मोदी सरकार की कोशिश...

‘अगर ये कानून वापस नहीं लेगा तो हम यहीं ख़त्म हो जाएंगे, यहीं मर जाएंगे, घर नहीं जाएंगे’

पंजाब के ज़िला पटियाला के रहने वाले 70 साल के हरदीप सिंह दिल्ली की दिलदारी के क़ायल हो गए हैं। ये वही बुजुर्ग हैं, जिन्होंने देश की रक्षा करने के लिए बनाए गए सुरक्षा बलों के डंडों को झेला।...

सड़क की लड़ाइयों में उतारनी होगी चुनावी सभाओं में दिखने वाली भीड़!

मुंबई में रहने वाली मित्र Alpana Upadhyay बिहार के चुनाव परिणामों और वहां पर उठे सवालों पर मेरी पोस्ट के जवाब में कहती हैं, “देश की जनता भूखी नहीं मूर्ख है, और बिहार चुनाव से यह साबित भी हो...

अब हिंदुत्व के सहारे चलेगी अरविंद के सत्ता की नांव!

दिल्ली के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार ने सरकारी तामझाम और टीवी समेत तमाम विज्ञापनों के जरिए इस साल दीपावली के अवसर पर शुभ मुहुर्त निकलवा कर दो करोड़ लोगों को सामूहिक पूजा में भाग लेने की अपील...

कृषि कानून नहीं, यह मोदी की अडानी-अंबानी को 62 लाख करोड़ की सौगात है!

मोदी सरकार किसानों को व्यापारी बनाने का नाम देकर पूंजीपतियों की मैनेजमेंट समिति, बड़े पूंजीपतियों को पूंजी निवेश और बेरोकटोक लाभ कमाने के अवसर प्रदान करने के लिए कृषि क्षेत्र का लगभग 62 लाख करोड़ का व्यापार सोने की...

कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान उतरे सड़कों पर, कृषि मंत्रालय के सामने भी हुआ प्रदर्शन

केंद्र सरकार से अलोकतांत्रिक तरीके से पास किए गए तीनों किसान मुखालिफ कानूनों का विरोध जारी है। आज बुधवार को देश भर में किसानों ने ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिकार दिवस’ मनाया। इस दौरान किसानों और आदिवासियों ने कॉरपोरेट परस्त...

किसानों के हक की गारंटी की पहली शर्त बन गई है संसद के भीतर उनकी मौजूदगी

हमेशा से ही भारत को कृषि प्रधान होने का गौरव प्रदान किया गया है। बात ठीक भी है कि जब देश दुनिया में उत्पादन का मुख्य साधन खेती ही रहा है तो स्वभाविक है कि कृषि की प्रधानता रही...

झारखंडः मनरेगाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, ‘काम मांगों, काम पाओ’ योजना से बने मुश्किल हालात

झारखंड में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल अभी भी जारी है। राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अह्वान पर पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 27 जुलाई से यह हड़ताल है। इसका सीधा असर मनरेगा मजदूरों पर पड़ रहा है। झारखंड में 52,96,000...

कोरोना, दक्षिणपंथी राजनीति और आपदा में अवसर का अर्थ

दुनिया में पहली बार भारत में कोरोना वायरस से जुड़े सबसे अधिक मामले दो अगस्त 2020 को प्रकाश में आए हैं। रविवार के दिन भारत में जहां 53,641 मामले प्रकाश में आए, वहीं अमरीका में यह संख्या उस दिन...

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लोकतंत्र में चुनाव लघुता का पर्व और गर्व होता है, प्रभुता का पर्व और प्रसाद नहीं‎

लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा पर्व होता है, लोकतंत्र का पर्व। लोकतंत्र का पर्व असल में किस का पर्व...