राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है का. मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा: माले

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पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव का. कुणाल ने आरा व्यवहार न्यायालय द्वारा मंगलवार को अगिआंव से माले विधायक का. मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा है कि जेल व दमन के जरिए दलितों-गरीबों की आवाज दबाई नहीं जा सकती। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

माले राज्य सचिव का कहना था कि विधानसभा चुनाव 2015 के ठीक पहले जेपी सिंह की हत्या मामले में भाजपा के स्थानीय नेताओं के इशारे पर का. मनोज मंजिल और हमारे अन्य पार्टी नेताओं पर हत्या का झूठा मुकदमा थोप दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उस घटना के कुछ दिन पहले ही हमारी पार्टी के स्थानीय नेता का. सतीश यादव की हत्या भाजपा के लोगों ने कर दी थी। उनके हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन दलित-गरीबों की लड़ाई लड़ने वाले और सड़क पर स्कूल आंदोलन के चर्चित नेता रहे मनोज मंजिल को एक गहरी साजिश के तहत फंसाकर सजा करवा दी गई। भाजपा समेत इलाके की सामंती ताकतें मनोज मंजिल की बढ़ती लोकप्रियता से काफी घबराई हुई थीं।

एक तरफ जहां हमारे नेताओं को सजा सुनाई गई, वहीं न्यायालय ने दलितों-गरीबों के हत्यारों को लगातार बरी करने का काम किया है। बिहार में सत्ता बदलते ही भाजपाई अपने रंग में आ चुके हैं, लेकिन उनके नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को भाकपा-माले ने इस अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध दिवस का आह्वान किया है।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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