घरेलू कामगारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए बने कानून, पीएम व सीएम को भेजा ज्ञापन

Estimated read time 1 min read

लखनऊ। घरेलू कामगारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून बनाने, उनको न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम मजदूरी 26000 रुपए प्रतिमाह करने, सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकरण करने, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी घरेलू कामगारों को आयुष्मान कार्ड, आवास, बीमा और पेंशन की गारंटी करने, बच्चों को निशुल्क व स्तरीय शिक्षा देने जैसी मांगों पर आज घरेलू कामगारों के राष्ट्रीय मंच द्वारा राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के तहत उपश्रमायुक्त कार्यालय लखनऊ पर एकदिवसीय धरना दिया गया। घरने के उपरांत उपश्रमायुक्त शमीम अख्तर को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव श्रम के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।

इस अवसर पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए पूंजीपतियों के लिए रेड कारपेट बिछाने वाली सरकार को मजदूरों का भी ध्यान रखना चाहिए। बिना मजदूरों की खुशहाली के देश का विकास संभव नहीं है। भारत सरकार ने 2011 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन में घरेलू कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा कानून बनाने की बात को स्वीकार किया था। लेकिन 13 साल बीतने के बावजूद आज तक यह कानून नहीं बनाए गए उल्टे संघर्षों के कारण जो श्रम कानून बने भी थे उन्हें समाप्त कर मजदूर विरोधी लेबर कोड बना दिए गए हैं।

वक्ताओं ने कहा की 2018 में घरेलू कामगारों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में लाया गया था। लेकिन आज भी उन्हें न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता है। इस महंगाई को देखते हुए न्यूनतम मजदूरी को 26000 रुपए किया जाना चाहिए। ई-श्रम पोर्टल पर दर्ज 8 करोड़ 30 लाख मजदूरों में बडी संख्या घरेलू कामगारों की है जिसमें भी महिलाएं ज्यादा हैं। इन्हें 5 लाख तक इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास, 5 लाख तक का जीवन बीमा, पुत्री विवाह अनुदान, बच्चों को निशुल्क शिक्षा आदि दिया जाना चाहिए। हर हाल में घरेलू कामगार महिलाओं के जीवन और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी करनी चाहिए।

धरने को यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, टीयूसीसी के प्रदेश महामंत्री प्रमोद पटेल, एटक के जिला अध्यक्ष रामेश्वर यादव, घरेलू कामगार संगठन की अशरिता, सेवा की सचिव नंदिनी बोरकर, शुभम शर्मा, महिला घरेलू कामगार संघ की उपाध्यक्ष सीमा रावत, शांति रावत, सुशीला, सुनीता आदि ने संबोधित किया। धरने में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author