मोदी शासन के 10 सालों में आदिवासियों के जल, जंगल, ज़मीन पर हुए तेज हमले

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रांची। ‘मोदी हटाओ, लोकतंत्र बचाओ’ नारे के साथ शुरू हुआ “अबुआ झारखंड, अबुआ राज” यात्रा 21 फरवरी 2024 को चतरा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत लातेहार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गयी। “लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान” झारखंड के सभी लोकसभा क्षेत्रों में जनसभा, यात्रा और जनसंपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से आम लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है।

21, 22 व 23 फरवरी तक की जा रही उक्त यात्रा लातेहार जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न गांवों में जायेगी। जिसकी शुरुआत 21 फरवरी से महुआडांड़ से शुरू होकर गारू, सरजू और बरवाडीह के मायापुर, अरमू, कोटाम, मनातू समेत विभिन्न गांवों में गई। इस दौरान जन सभाओं का आयोजन हुआ, पर्चे बांटे गए और पोस्टर चिपकाए गए। यह यात्रा 2024 लोकसभा चुनाव में झारखंड, देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जनसंपर्क यात्रा है।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मज़दूर और महिलाओं के अधिकारों का हनन किया है और जीवन की स्थिति को बदतर से बदतर बना दिया है।

वक्ताओं ने कहा कि हाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फर्जी आरोप पर गिरफ्तार करना और आदिवासी-मूलवासियों द्वारा चुनी हुई सरकार को बार-बार गिराने की कोशिश भाजपा और मोदी सरकार के आदिवासी विरोधी चेहरा को बेनकाब कर दिया है। मोदी सरकार ED और CBI को केवल राज्य सरकारों और विपक्षी पार्टियों को ख़त्म करके देश को एक पार्टी की तानाशाही राज बनाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके से इस्तेमाल कर रही है।

वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार को सर्वोच्च न्यायालय ने हाल में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को गैर-संवैधानिक करार देकर उजागर कर दिया है। इस योजना का इस्तेमाल कर भाजपा ने कॉर्पोरेट घरानों से चुपके से 10,000 करोड़ रुपए से अधिक चुनावी चंदा लिया है।

वहीं दस सालों में आदिवासियों-मूलवासियों एवं उनके जल, जंगल, ज़मीन और खनिज पर विशेष हमले हुए हैं। मोदी सरकार ने वन संरक्षण कानून में संशोधन कर वन अधिकार कानून के तहत मिले और मिलने वाले वनभूमि और संसाधनों पर ग्राम सभा के अधिकारों को छीनकर पूंजीपतियों को जंगल सौंपने का फैसला लिया है। मोदी सरकार झारखंड के जल, जंगल, जमीन, खनिज को लूट कर अडानी और अन्य कॉर्पोरेट के हवाले कर देना चाहती है। मणिपुर में आदिवासियों, खासकर के महिलाओं पर हुई हिंसा वहां की भाजपा सरकार और मोदी सरकार के संरक्षण में की गयी है।

वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने लैंड बैंक बनाकर ग्राम सभा की 22 लाख एकड़ सामुदायिक ज़मीन छीन ली थी। अब उसी प्रकार जंगल बैंक बनाने की तैयारी में है। इसका सीधा प्रभाव लातेहार के आदिवासियों-मूलवासियों के जीवन पर पड़ेगा। वहीं आदिवासियों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है। इससे आदिवासी एकता कमज़ोर होगी और उनके संसाधनों को आसानी से लूटा जा सकेगा।

वक्ताओं ने कहा कि एक ओर देश को 5 ट्रिलियन रुपए की अर्थव्यवस्था बनाने का जुमला दिया गया वहीं दूसरी ओर ग्रामीण मजदूरों के मजदूरी दर में 10 सालों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उल्टे मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मध्याह्न भोजन, आंगनवाड़ी सेवा, मातृत्व भत्ता समेत कई कल्याणकारी योजनाओं के बजट में व्यापक कटौती की गयी एवं स्वास्थ्य व शिक्षा को कमजोर किया गया। सभी योजनाओं को आधार से जोड़ने के कारण गरीबों की समस्याएं और बढ़ गईं।

मोदी का हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा केवल जुमला निकला। अग्निवीर योजना लागू कर भारतीय सेना की लम्बी नौकरी को खत्म कर 4 साल की संविदा आधारित व्यवस्था लागू की गयी। रेलवे सहित हर सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में नौकरी व्यवस्था खत्म कर अल्पकालिक ठेका बहाली लायी जा रही है।

हाल में छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतकर सरकार बनाते ही भाजपा ने अडानी के लिए आदिवासियों और उनके हसदेव अरण्य पर अर्धसैनिक बलों की फौज उतार दी है।

मोदी सरकार जन अधिकारों पर हमला के साथ साथ संविधान को भी समाप्त कर रही है। भाजपा और मोदी सरकार देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के नाम पर धर्मनिरपेक्षता और नागरिक समता को खत्म कर रही है। सभाओं में लोगों ने संकल्प लिया कि 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के 10 साल के जुल्म को रोका जाएगा। जनसभाओं और यात्रा में शामिल ग्रामीणों ने महंगाई और बेरोजगारी की समस्या पर अपनी बात रखी।

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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