नई दिल्ली। दिल्ली के केंद्र में स्थित कलावती सरन अस्पताल के सामने ऐक्टू के नेतृत्व में दो साल से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। अस्पताल प्रशासन उच्च न्यायालय के ऑर्डर की अवमानना के खिलाफ कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का संघर्ष जारी है। इस उपलक्ष्य में कर्मचारियों ने विरोध सभा का आयोजन किया। एडवोकेट कवलप्रीत कौर ने सभा को संबोधित करते हुए सभी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के अडिग हौसले की प्रशंसा की और कहा कि आप अस्पताल प्रशासन की कोर्ट के अंदर और बाहर चल रही अनेक साजिशों के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहकर दिल्ली के सभी कामगारों को प्रेरणा देने वाली एक ऐतिहासिक लड़ाई लड़ रहे हैं।

ऐक्टू के दिल्ली राज्य के अध्यक्ष, कॉमरेड संतोष रॉय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे इस संघर्ष ने मजदूर विरोधी भाजपा सरकार की सांप्रदायिकता फैलाने वाली नीतियों को करारा जवाब दिया है। इसी सरकार के अधीन आने वाले कलावती सरन अस्पताल के प्रशासन द्वारा यूनियन तोड़ने के हर संभव प्रयास के विरुद्ध हम दृढ़ता से खड़े रहेंगे और इस लड़ाई को पूरे जोश से जारी रखेंगे।
ऐक्टू से सम्बद्ध ‘कलावती सरन अस्पताल कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन’ के महासचिव व छटनी-ग्रस्त सफाई कर्मचारी, कॉमरेड सेवक राम ने बताया कि 31 मई 2022 को ही कलावती सरन अस्पताल के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने माननीय उच्च न्यायालय से छटनी के खिलाफ स्टे-आर्डर लिया था। पर फिर भी स्वास्थ्य मंत्रालय, अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार की मिलीभगत से सफाई कर्मचारियों – विशेषकर यूनियन के सक्रिय सदस्यों की छटनी कर दी गई। अस्पताल के सामने लगभग 730 दिनों से चल रहे प्रदर्शन और दिल्ली उच्च न्यायालय के कई निर्देशों के बावजूद अस्पताल प्रबंधन कर्मचारियों को काम पर वापस लेने के लिए तैयार नहीं हो रहा है।

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन की अध्यक्षा कॉमरेड अपूर्वा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली के लाखों मजदूरों के लिए हमारी लड़ाई एक उदाहरण है जिससे सभी मजदूरों को संगठित होने से आने वाली ताकत का पता चलता है। कलावती सरन अस्पताल कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन की सदस्य कॉमरेड सुनीता ने कहा कि अस्पताल प्रशासन जिस हद तक यूनियन से घबराता है, यह हमारे संघर्ष का ही नतीजा है। हम निडर होकर अपने इस संघर्ष को जारी रखेंगे।
ऐक्टू के राज्य सचिव व अधिवक्ता सूर्य प्रकाश ने कहा कि दिल्ली के सभी अस्पतालों में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से करोड़ों की वसूली की जा रही है। कॉन्ट्रैक्ट प्रथा आज के दौर में गुलामी का प्रतीक है और आने वाले समय में अपनी लड़ाई तेज़ करते हुए इस कुप्रथा को खत्म करने का संकल्प लेंगे।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
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