जालंधर से डाल्टनगंज के लिए चली ट्रेन।

पंजाब में कोरोना के नये मामलों से हड़कंप, प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी शुरू

जालंधर। पंजाब में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। अब वे इलाके भी चपेट में आ रहे हैं जो इस महामारी से बचे हुए थे। उधर, पंजाब से कल सुबह चली विशेष रेलगाड़ी में प्रवासी मजदूर बिहार और झारखंड के लिए रवाना हुए। सबसे बड़ा कोरोना विस्फोट जिला फाजिल्का में हुआ। यहां नए 30 संक्रमित पाए गए। मंगलवार को ही कोरोना पॉजिटिव के कुल 50 मामले इन पंक्तियों को लिखने तक आ चुके हैं।

फाजिल्का के अतिरिक्त श्री मुक्तसर साहिब में 15 और जालंधर में पांच मामले सामने आए हैं। राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में भी 9 नए मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। नए संक्रमितों में से तमाम वे हैं, जो दूसरे राज्यों से आए हैं। पंजाब में कल नए मामले सामने आने के बाद कोरोना संक्रमितों की कुल तादाद 1,305 से अधिक हो गई है। लगभग 7000 लोगों की जांच रिपोर्ट लंबित है। चंडीगढ़ में 111 पॉजिटिव हैं।      

अब राज्य में कोरोना वायरस के फैलाव पर खुलकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस का आरोप है कि शिरोमणि अकाली दल हजूर साहिब से वापस आए कोरोना वायरस के शिकार लोगों की बाबत झूठ पर झूठ बोल रहा है। शिरोमणि अकाली दल की पुरजोर मांग पर ही उन्हें आनन-फानन में वापस लाया गया था। अब सांसद सुखबीर सिंह बादल कह रहे हैं कि राज्य सरकार की लापरवाही के चलते श्रद्धालुओं में वायरस फैला।

जबकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने लापरवाही बरती और इसके चलते वहां से आने वाले लोग संक्रमित हुए। अमरिंदर का खुला आरोप है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकट काल में भी पंजाब से भेदभाव कर रहे हैं। जबकि यह राज्य कोरोना की ‘हिटलिस्ट’ में शिखर पर है। यकीनन पंजाब सरकार केंद्र की हर एडवाइजरी और गाइडलाइन का बखूबी पालन कर रही है। इसी के तहत पंजाब से बाहर के राज्यों की ओर लोगों को भेजना सुनिश्चित किया गया।                     

गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 11 बजे विशेष रेलगाड़ी बिहार और झारखंड के लोगों को लेकर जालंधर से रवाना हुई। इनमें ज्यादातर श्रमिक हैं। विशेष रेलगाड़ी में यात्रियों को पूरी हिदायतों और बंदोबस्त के साथ बिठाया गया। हर एक की मेडिकल जांच करके बाकायदा उसे सर्टिफिकेट दिया गया। रेलगाड़ी में खाने का बंदोबस्त राज्य सरकार की ओर से किया गया है। सरकारी सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक अब घर वापसी के ख्वाहिशमंदों की कुल तादाद 8 लाख से ज्यादा हो गई है और इनमें से 95 फ़ीसदी मजदूर हैं।

पंजाब के मुख्य सचिव केबीएस सिद्धू ने इसकी पुष्टि की है। मजदूरों की घर वापसी के लिए सामाजिक-शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कल पहली गाड़ी (नंबर: 046602) में 12 सौ मजदूर बिहार और झारखंड के लिए निकले। इसी तरह बठिंडा और लुधियाना से विशेष रेलगाड़ियां निकलीं। एक पखवाड़े तक प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए रेलगाड़ियां चलेंगीं। सूबे में आलम यह है कि बाहर से आया हर व्यक्ति चला जाना चाहता है।

(जालंधर से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)                      

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