चंडीगढ़। अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा 26 अक्टूबर, शनिवार को चंडीगढ़ (पंजाब) में एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर के प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े साहित्यकार इकट्ठा होंगे।
इस सेमिनार का केन्द्रीय थीम ‘भारतीय लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और साहित्य’ है और सेमिनार उद्घाटन सेशन समेत चार सेशन में बंटा हुआ है। इन सेशन में अलग-अलग विषयों पर विद्वान वक्ता अपने विचार रखेंगे।
‘पंजाब कला परिषद’ के सहयोग से परिषद के कला भवन में आयोजित इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र में योजना आयोग की पूर्व सदस्य पद्मश्री प्रो. सईदा हमीद (दिल्ली), दलित अधिकारों के क्षेत्र में देश भर में सक्रियता से काम करनेवाले लेखक विचारक प्रो. कांचा इलैया (हैदराबाद), राज्यसभा टीवी के पूर्व निदेशक लेखक, वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश (दिल्ली) और प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार पी. लक्ष्मीनारायणा (आंध्र प्रदेश) शिरकत करेंगे।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो. सईदा हमीद करेंगी, तो स्वागत भाषण पी. लक्ष्मीनारायणा का होगा। इस सत्र का मुख्य वक्तव्य प्रो. कांचा इलैया देंगे, तो अतिथि वक्ता उर्मिलेश भी विषय पर अपनी बात रखेंगे। सत्र के मुख्य अतिथि ‘पंजाब कला परिषद’ के चेयरमैन सवरनजीत सिंह सवी होंगे।
सेमिनार का पहला सेशन ‘भारतीय लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां’ विषय पर आयोजित है। जिसमें पैनलिस्ट के तौर पर महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, प्रलेस के कार्यकारी अध्यक्ष विभूति नारायण राय (दिल्ली), वरिष्ठ आलोचक वीरेन्द्र यादव (लखनऊ), कवयित्री डा.आरती (भोपाल) और प्रगतिशील लेखक संघ के सचिवमंडल सदस्य लेखक मोहन दास वल्लिकवु (केरल) हिस्सा लेंगे और विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।
सत्र के संचालन का ज़िम्मा ‘ट्रिब्यून’ के पूर्व संपादक, नाटककार और कवि डॉ.स्वराजबीर पर होगा।
सेमिनार का दूसरा सेशन ‘सामाजिक परिवर्तन की दिशाएं और साहित्य’ विषय पर है। चर्चित कथाकार-उपन्यासकार रणेन्द्र (रांची), आलोचक डॉ. आशीष त्रिपाठी (वाराणसी), आलोचक और अनुवादक डॉ. अर्जुमंद आरा (दिल्ली), प्रलेस के राष्ट्रीय सचिव कवि और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत तिवारी (इंदौर) विषय पर अपना हस्तक्षेप करेंगे।
इस सत्र का संचालन कवि-नाटककार डॉ. कुलदीप सिंह दीप के सुपुर्द रहेगा।
सेमिनार का समापन सत्र ‘पहचान की राजनीति और साहित्य’ विषय पर है। जिसमें प्रख्यात पंजाबी और उर्दू ज़बान के कथाकार ख़ालिद हुसैन, लेखक डा.वंदना चौबे (वाराणसी), लेखिका-कवयित्री डा.कुसुम माधुरी टोपो (छत्तीसगढ़) एवं मराठी कथाकार राकेश वानखेड़े (महाराष्ट्र) अपने विचार साझा करेंगे।
इस सत्र के संचालन की ज़िम्मेदारी डॉ. हरविंदर सिंह सिरसा पर होगी।
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के इस महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की पंजाब राज्य इकाई कर रही है, तो वहीं अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के पदाधिकारी प्रलेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पंजाबी भाषा के प्रमुख साहित्यकार डॉ. सुखदेव सिंह सिरसा, डॉ. सरबजीत सिंह, प्रलेस पंजाब के अध्यक्ष प्रो.सुरजीत जज्ज, प्रलेस पंजाब के महासचिव डॉ. कुलदीप सिंह दीप और ‘पंजाब कला परिषद’ के चेयरमैन सवरनजीत सिंह सवी आयोजन समिति में शामिल हैं।
(प्रलेस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति।)
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