हालात कैसे कुछ ही पलों में बदलते हैं, इसका बेहतरीन उदाहरण दुनिया के सामने है। कल तक पूरी दुनिया को टेरिफ वार में झोंकने वाले ट्रंप और उनके सबसे चहेते कॉर्पोरेट दिग्गज, एलन मस्क की जोड़ी को बहुत जोर का झटका लगना शुरू हो चुका है। सोमवार को अमेरिकी शेयर बाज़ार में जलजला सा आ गया, और देखते ही देखते टेस्ला के स्टॉक में आधे घंटे के भीतर ही 8% तेज गिरावट देखने को मिली। बाजार बंद होने तक यह गिरावट -15.43% तक जा पहुंची।
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से एलन मस्क की कंपनी का बाजार मूल्यांकन सरपट रफ्तार से भाग रहा था। लेकिन दिसंबर तक 486 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन पर बैठे एलन मस्क की कमाई अब 330 बिलियन डॉलर रह गई है। टेस्ला के स्टॉक में आई गिरावट अपने साथ 150 बिलियन डॉलर भी डुबो चुकी है।
सोमवार के एक ट्रेडिंग सेशन में ही एस & पी 500 इंडेक्स 2.70% टूट गया, जबकि Dow zones में 2.08% की गिरावट देखने को मिली है। सबसे बुरा हाल आईटी और टेक इंडेक्स नैस्डेक में देखने को मिली, जो एक दिन में 4% गिर चुका है। खबर है कि जनवरी से अमेरिकी स्टॉक में 4 ट्रिलियन डॉलर स्वाहा हो चुके हैं। बता दें कि यह गिरावट समूचे भारतीय स्टॉक मार्केट और भारत की जीडीपी के बराबर है।
और इस सबके कर्ता-धर्ता कौन हैं? खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हाथ में चैन सॉ लेकर लहराने वाले एलन मस्क। एलन मस्क को जितनी तेजी से शोहरत हासिल हुई थी, उससे भी तेज रफ्तार में अमेरिका ही नहीं दुनियाभर में उन्हें नफरत की निगाह से देखा जा रहा है। एलन मस्क की टेस्ला कार की बिक्री चीन और यूरोप में तेजी से घटी है। सबसे अधिक विरोध के सुर कनाडा से आ रहे हैं, जो कल तक अमेरिका का सबसे विश्वस्त पड़ोसी और मित्र देश हुआ करता था।
अमेरिका में मुद्रास्फीति लौटने की आशंका तेज हो चुकी है, लेकिन इससे भी बुरी खबर यह है कि देश जल्द ही आर्थिक मंदी के दौर में जा सकता है। बर्ड फ्लू के कारण अमेरिका में मुर्गी के अंडे लंबे अर्से से महंगे थे, और ऐसा माना जाता है कि कमला हैरिस की हार में यह एक बड़ी वजह रही। ट्रंप ने मतदाताओं से वादा किया था कि उनके राष्ट्रपति पद संभालते ही वे इस पर काबू पाने में सफल रहेंगे, लेकिन दाम कम होने के बजाय बढ़ चुके हैं। हाल ही में अंडों के दामों में वृद्धि को लेकर एक पत्रकार के सवाल पर ट्रंप ने मुहँ बंद रखने की सलाह दी थी।
अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर एशिया से आ रही है। अमेरिकी स्टॉक बाजार में तबाही की खबर से आज सुबह एशियाई बाजार में बिटकॉइन में 3% तक की गिरावट देखी गई है, जबकि ईथर 6% तक गिर चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही क्रिप्टो करेंसी को रिजर्व करेंसी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की थी, ऐसे में आशंका है कि आज बाजार खुलते ही कल से बड़ी तबाही मच सकती है।
अमेरिकी प्रशासन में एलन मस्क के पास DOGE का कार्यभार है, जिसके निशाने पर 20 लाख अमेरिकी कर्मचारी हैं। मस्क बगैर संवैधानिक पद लिए ही वे सारे फैसले ले रहे हैं, जिसका सीधा असर आम अमेरिकियों पर पड़ रहा है। यही नहीं USAID के माध्यम से अभी तक अमेरिका विश्व के जिन गरीब और विकासशील देशों को मदद पहुंचाता था, उसे तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया, हालाँकि अमेरिकी अदालत ने राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।
आम अमेरिकन का मानना है कि अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रपति ट्रंप के तानाशाहीपूर्ण फैसलों के पीछे एलन मस्क का बड़ा हाथ है। शायद यही वजह है कि जगह-जगह टेस्ला शोरुम के सामने प्रदर्शन हो रहे हैं। एलन मस्क के नाजी अभिवादन की नकल करते हुए विरोधी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई जगहों पर टेस्ला के वाहनों को पार्किंग लॉट में तोड़फोड़ और आग लगाने की घटना सामने आ रही है।
डोनाल्ड ट्रंप खुद के बुने जाल में घिरते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि कल शाम उन्होंने घोषणा की थी कि वे आज सुबह सबसे पहले एलन मस्क की टेस्ला इलेक्ट्रिक कार खरीदेंगे। यह अकेले एलन मस्क के फार्च्यून से जुड़ा फैसला नहीं है, बल्कि उन टेक दिग्गजों की किस्मत भी दांव पर लगी हुई है, जिनके भरोसे डोनाल्ड ट्रंप दुनिया पर दादागिरी करने का दम भर रहे थे। बहुत संभव है कि आज जैसे ही अमेरिकी शेयर बाजार खुले, भारी मात्रा में कॉर्पोरेट खजाने का मुहं खोल अपने-अपने स्टॉक की खरीद कर इस गिरावट को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दें।
क्योंकि अगर यह गिरावट नहीं थमी तो अमेरिका में महंगाई और आर्थिक मंदी (स्टैगफ्लेसन) की दोहरी मार उसे एक बार फिर से 1929 के ग्रेट डिप्रेशन की अवस्था में ले जा सकती है, जिसकी मार उसे ही नहीं भारत जैसे विकाशील देशों पर भी बहुत भारी पड़ सकती है।
एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा उनकी कार की खरीद की घोषणा का स्वागत करते हुए उनकी पोस्ट को साझा करते हुए लिखा है, धन्यवाद राष्ट्रपति महोदय।
दिन-रात डॉलर छापकर पूरी दुनिया से कर्ज लेकर उसे ही बंधक बनाने की धमकी देने वाला अमेरिका आज एक ऐसे धुर दक्षिणपंथी आत्महंता की सनक के कारण धराशायी होने के कगार पर है, जिसने कल तक अपने ही बिछाए जालों, विश्व बैंक, आइएमएफ, WTO के नियमों को मानने से साफ़ इंकार कर दिया है। अब अप्रवासियों और उनके देशों को अपमानित करने और 20% से लेकर 100% टैरिफ थोपने, अपने देशों से लाखों डॉलर लाने वाले अप्रवासियों को अमेरिका की नागरिकता देने के प्रस्ताव का क्या हाल होने जा रहा है?
गोल्डमन साच ने 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ को 2.4% से घटाकर 1.7% कर दिया है। मोर्गेन स्टेनली और जेपी मॉर्गन ने भी अपने प्रोजेक्शन में भारी कटौती कर साफ़ संदेश दे दिया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था गहरे संकट में जा सकती है। भारत में यह कारनामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी, जीएसटी और कोविड-19 महामारी के वक्त विश्व के सबसे कठोर लॉकडाउन की बदौलत अंजाम दे चुके हैं। अब बारी अमेरिका की है।
(रविंद्र पटवाल जनचौक संपादकीय टीम के सदस्य हैं)
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