नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार स्टाफ की भर्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए भी आरक्षण लागू किया है। यह हाल ही में स्टाफ की भर्तियों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा लागू करने के फैसले के बाद आया है। शारीरिक रूप से विकलांगों, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट ऑफिसर्स एंड सर्वेंट्स (कंडीशंस ऑफ सर्विस एंड कंडक्ट) रूल्स, 1961 में संशोधन के जरिए किया गया है। 3 जुलाई को जारी अधिसूचना में अनुच्छेद 146(2) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने नियम 4A को प्रतिस्थापित किया है।
नया नियम 4A इस प्रकार है: “अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, शारीरिक रूप से विकलांग, भूतपूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों के लिए अनुसूची में निर्दिष्ट विभिन्न श्रेणियों के पदों पर सीधी भर्ती में आरक्षण, अनुसूची में निर्दिष्ट पद के लिए निर्धारित वेतनमान के अनुरूप वेतनमान वाले पदों के संबंध में भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमों, आदेशों और अधिसूचनाओं के अनुसार होगा, जो ऐसे संशोधन, परिवर्तन या अपवाद के अधीन होगा जैसा कि मुख्य न्यायाधीश समय-समय पर निर्दिष्ट कर सकते हैं।
इसके पहले 24 जून को जारी एक परिपत्र में पहली बार, सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित अपने कर्मचारियों की सीधी नियुक्ति और पदोन्नति के लिए एक औपचारिक आरक्षण नीति पेश की है।
परिपत्र में कहा गया “सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार, सभी संबंधितों की जानकारी के लिए यह अधिसूचित किया जाता है कि मॉडल आरक्षण रोस्टर और रजिस्टर को सुपनेट (आंतरिक ईमेल नेटवर्क) पर अपलोड कर दिया गया है तथा इसे 23 जून, 2025 से प्रभावी कर दिया गया है। परिपत्र में कहा गया है, “यह सूचित किया जाता है कि यदि किसी कर्मचारी को रोस्टर या रजिस्टर में किसी गलती या अशुद्धि के बारे में कोई आपत्ति/प्रतिवेदन है तो वे इसकी सूचना रजिस्ट्रार (भर्ती) को दे सकते हैं।”
परिपत्र और वर्तमान में प्रभावी मॉडल रोस्टर के अनुसार, शीर्ष न्यायालय के कर्मचारियों को पदोन्नति में 15% कोटा और एसटी कर्मचारियों को 7.5% कोटा मिलेगा।नीति के अनुसार, कोटा लाभ रजिस्ट्रार, वरिष्ठ निजी सहायकों, सहायक पुस्तकालयाध्यक्षों, कनिष्ठ न्यायालय सहायकों और चैंबर अटेंडेंट को उपलब्ध होगा।
सुप्रीम कोर्ट में सीधी भर्ती के तहत जो अलग-अलग पद भरे जाते हैं, उनमें कुछ वर्गों के लिए आरक्षण लागू होगा: अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), दिव्यांग (Physically Challenged), पूर्व सैनिक (Ex-servicemen), स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित।
यह आरक्षण भारत सरकार की ओर से समय-समय पर जारी किए गए नियमों, आदेशों और अधिसूचनाओं के अनुसार लागू किया जाएगा। अगर किसी पद के लिए जो वेतनमान निर्धारित है, उसके अनुसार सरकार ने जो आरक्षण नीति लागू की है, वही सुप्रीम कोर्ट के उन पदों पर भी लागू होगी। हालांकि, सीजेआई अगर जरूरी समझें तो इस नीति में कुछ संशोधन, बदलाव या अपवाद कर सकते हैं।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं)