झुग्गी बस्तीवासियों के साथ खड़ी हुई सीपीआई-एमएल, सचिव रवि ने शुरू किया अनशन

भाकपा माले ने रेलवे ट्रैक के पास झुग्गियों के तोड़फोड़ के आदेश के ख़िलाफ़ वजीरपुर झुग्गी बस्ती में 48 घंटे की चेतावनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है। दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसे झुग्गीवासियों पर रेलवे लाइन को गंदा करने का आरोप लगाते हुए रेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को अर्ज़ी सौंपी थी, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया। भाकपा माले ने कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती है कि एक चुनी हुई सरकार गरीबों को प्रदूषण के लिए दोषी ठहरा रही है, जिसके लिए वास्तव में उनकी अपनी नीतियां ज़िम्मेदार हैं।

तालाबंदी और महामारी ने दिल्ली के गरीबों और श्रमिकों की आजीविका को नष्ट कर दिया है। पूरे देश में झुग्गीवासियों और प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा देखी गई है और इस स्थिति में झुग्गियों को ध्वस्त करने का आदेश सरासर अमानवीय है।

झुग्गियों को तोड़े जाने का आदेश आने के बाद से रेल विभाग ने कई झुग्गी बस्तियों में बेदखली के नोटिस लगा दिए हैं। इस आदेश के ख़िलाफ़ विरोध के स्वर अब वज़ीरपुर, मानसरोवर, कीर्ति नगर, केशवपुरम और कई झुग्गी बस्तियों से उठने लगे हैं। झुग्गीवासी कह रहे हैं कि वे झुग्गियों से बेदखल करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे। बेदखली के आदेश के ख़िलाफ़ झुग्गीवासियों का विरोध अब प्रभाव ग्रहण कर रहा है, जिसके कारण, केंद्र सरकार को अजय माकन द्वारा दायर याचिका में अदालत को यह कहना पड़ा है कि अगले चार हफ्तों में कोई तोड़फोड़ नहीं होगी।

भाकपा माले का मानना ​​है कि झुग्गियों को तोड़े जाने के फ़ैसले को चार सप्ताह के लिए स्थगित करना केवल एक धोखा है। भूख हड़ताल के माध्यम से झुग्गियों को हटाए जाने के आदेश को पूरी तरह से रद्द करने की मांग शुरू हो चुकी है।

शकुंतला देवी, सीता देवी, रामेश्वरी देवी, रिंकू और सीता (वजीरपुर स्लम के निवासी) के साथ भाकपा माले दिल्ली के राज्य सचिव रवि राय ने 48 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

भूख हड़ताल शुरू करते हुए रवि राय ने कहा, “झुग्गीवासियों को उनके वर्तमान निवास स्थान के पास ही आवास की गारंटी करनी होगी जो कि उनका हक़ है। सरकार का 4 सप्ताह तक कोई तोड़फोड़ न करने का तथाकथित आश्वासन एक भ्रमित करने वाली बात है। हम झुग्गियों को तोड़े जाने के आदेश को पूरे तौर पर वापस लिए जाने की मांग करते हैं और ज़मीन के पक्के कागज़ के साथ मौजूदा आवास के निकट ही झुग्गीवासियों के उचित पुनर्वास की मांग करते हैं।”

पिछले 28 वर्षों से वजीरपुर झुग्गियों में रहने वाली शकुंतला देवी जो इस समय भूख हड़ताल पर भी हैं, उन्होंने कहा, “हम लंबे समय से यहां रह रहे हैं, हम शहर में काम करते हैं। सरकार को हमें बताना होगा कि यदि यही हमारा घर है तो इसके उजड़ जाने के बाद हम कहां रहेंगे।”

पिछले 22 वर्षों से झुग्गी में रह रही एक और भूख हड़ताल करने वाली सीता देवी ने कहा, “सरकार ने अब तक अपने चुनावी वादे के अनुसार हमें पक्का घर नहीं दिया है और अब वे हमारी झुग्गी को भी ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या सरकार हमें अगले चार हफ़्तों में घर दे देगी जो उन्होंने पिछले 22 सालों में हमें नहीं दिए हैं?”

भूख हड़ताल करने वालों की मांग है, 

  • विध्वंस के आदेश को स्थायी रूप से रद्द करें!
  • वर्तमान निवास के पांच किलोमीटर के भीतर उचित पुनर्वास सुनिश्चित करें!
  • सभी को पुनर्वास के साथ ज़मीन के पक्के कागज़ की गारंटी हो!
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