उच्चतम न्यायालय की अवमानना के मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय के खिलाफ ट्वीट्स के लिए कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी है। एजी ने कानून के छात्र आदित्य कश्यप के पत्र के बाद यह सहमति दी, जिसने एजी को अर्जी दी थी। एजी केके वेणुगोपाल का कहना है कि ट्वीट में तनेजा का चित्रण इस देश के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है।
रचिता तनेजा ने अपने ट्वीट में रिपब्लिक टीवी एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को जमानत देने वाली उच्चतम न्यायालय पर एक कार्टून बनाया था। हाल ही में एजी ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के लिए स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना शुरू करने की सहमति दी थी।

अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए लिखे गए पत्र में कश्यप ने कहा है कि “यहां जिक्र किया गया ट्वीट और पोस्ट और उसका प्रकाशन सुप्रीम कोर्ट को विवादित, अपमानित और कोर्ट के फैसलों के पीछे पूर्वाग्रह की तरफ इशारा करता है। व्यंग्य और अवमानना के बीच की लाइन का भी साफ-साफ उल्लंघन हुआ है।
इस तरह की पोस्ट न केवल न्यायिक प्रणाली तंत्र पर आक्षेप लगाकर न्यायिक संस्था में लोगों के विश्वास को चोट पहुंचा रही हैं बल्कि न्यायिक प्रशासन में यह अपने तरह का हस्तक्षेप भी है। पोस्ट और ट्वीट तोड़े मरोड़े गए तथ्यों पर आधारित है।” बार एंड बेंच के हवाले से यह बात कही गयी है।
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