राष्ट्रीय दृष्टिहीन महासंघ और राजस्थान शिक्षक संघ भी आया किसानों के समर्थन में

भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने कहा है कि सरकार इन कानूनों को रद्द कर दे तो किसान वापस चले जाएंगे। किसानों ने फिर कहा है कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे, चाहे एक साल या उससे अधिक समय लग जाए। इस बीच गाज़ीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरा टेंट सिटी तैयार किया गया है।

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा है कि समाधान निकालना किसान के हाथ में नहीं है, समाधान सरकार निकालेगी। किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं। किसान हारेगा तो सरकार हारेगी और किसान जीतेगा तो सरकार जीतेगी।

किसानों ने कहा कि जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहे हैं तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है। हम आतंकवादी नहीं किसान हैं। सरकार ये तीन काले कानूनों को रद्द करे। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं हम आतंकवादी नहीं हैं।

गौरतलब है कि कल ही प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के आंदोलन को विपक्षी दलों की साजिश करार दिया था। उधर राजस्थान के नागौर से सांसद और आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल हजारों की संख्या में किसानों के साथ कोटपुतली पहुंचे हैं। उन्होंने दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था।

इस बीच किसानों के समर्थन में तमाम राज्यों से किसान, छात्र, मजदूर और अनेक संगठन लगातार दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। राष्ट्रीय दृष्टिहीन महासंघ लुधियाना के नेत्रहीन छात्र भी किसानों के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पहुंचे हैं।

वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ। संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया, “हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं। इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्य वर्ग पर पड़ेगा।

गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान एक व्यक्ति फ्री में लोगों के बाल काट रहा है। उन्होंने बताया, “यहां मैं अपने बड़े-बूढ़ों की सेवा करने आया हूं, उन्हें समर्थन करने आया हूं। मैंने आज से ही यहां लोगों के बाल काटने शुरू किए हैं।

इधर किसानों ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर को आज बंद कर दिया है। एनएच 9 और 24 को बंद कर दिया गया है और ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को गाजियाबाद के लिए डीएनडी, आईटीओ और वज़ीराबाद से वैकल्पिक रास्ता लेने की सलाह दी है।

उधर, राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो के कैप्शन में लिखा है- “मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा।”

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1342682832968118272

(वरिष्ठ पत्रकार नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments