नई दिल्ली। तकरीबन ढाई महीने से लाखों किसानों के साथ दिल्ली के आस-पास डेरा डाले किसान संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ 18 फरवरी को देशव्यापी रोल रोको कार्यक्रम का ऐलान किया है। इसके साथ ही उसके पहले कार्यक्रमों की एक लंबी श्रृंखला घोषित की गयी है। जिसमें 12 फरवरी को राजस्थान के सभी टोल प्लाजा को टोल मुक्त करवाने का कार्यक्रम शामिल है।
14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए देश के सैनिकों के नाम किया गया है इसके तहत देश भर में कैंडल मार्च निकालने साथ ही मशाल जुलूस समेत अन्य तरीके के कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
16 फरवरी को किसानों के मसीहा छोटू राम का जन्मदिन है लिहाजा किसानों ने इसे पूरे धूम-धाम से मनाने का फैसला किया है। इस मौके पर किसानों का पूरा जोर देश में लोगों की किसान आंदोलन के साथ एकजुटता स्थापित करने पर होगा।
ये सारे निर्णय आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में लिए गए। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। संसद सत्र शुरू होने से पहले ऐसी उम्मीद जतायी जा रही थी कि पीएम मोदी शायद कुछ घोषणा कर सकते हैं या फिर किसानों के प्रति सरकार का रवैया नरम हो सकता है।
अब जबकि लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पीएम मोदी का भाषण हो गया है उसमें किसानों के प्रति कोई सहानुभूति दिखाने के बजाए पीएम मोदी का रुख उनका मजाक उड़ाने वाला ज्यादा रहा। ऐसे में किसानों के सामने आंदोलन को आगे बढ़ाने और उसको विस्तारित करने के अलावा अब कोई दूसरा चारा नहीं बचा था। ये सारे कार्यक्रम उसी नजरिये से घोषित किए गए हैं। जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के साथ ही उसको संगठित करने का मंसूबा भी शामिल है।
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