सुप्रीम कोर्ट ने माकपा महासचिव येचुरी को दी कश्मीर जाने की इज़ाज़त

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नई दिल्ली/इलाहाबाद। उच्चतम न्यायालय  ने कश्मीर में लगे तमाम पाबंदियों को लेकर बड़ा आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है  कि भारत के नागरिक के तौर पर हर इंसान को देश के किसी भी हिस्से में घूमने-फिरने की आज़ादी है। कुछ दिन पहले भी उन्होंने कहा था कि कश्मीर में हालात ठीक करने के लिए कोर्ट सरकार को कुछ और वक्त देना चाहती है। उच्चतम न्यायालय  ने माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को भी श्रीनगर जाने की इजाजत दे दी है। येचुरी ने अपने विधायक एमवाई तरिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी।  इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम आपको आपके दोस्त से मिलने की इजाजत देंगे, लेकिन इस दौरान आप कुछ और काम नहीं कर पाएंगे। 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि सरकार येचुरी को क्यों रोक रही है? वह देश के नागरिक हैं अगर अपने दोस्त से मिलना चाहते हैं, तो मिल सकते हैं। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये पर्सनल नहीं, पॉलिटिकल विजिट थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप वहां किसी और काम में हिस्सा लेंगे तो इसे कोर्ट आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। इस पर सीपीएम महासचिव ने कहा कि वह निर्देश का पूरा पालन करेंगे। उच्चतम न्यायालय  ने कहा कि कश्मीर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सिर्फ उनके दोस्त से मिलने की इजाजत दे रहे हैं। सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती देते हुए पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने यह कहते हुए अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है कि 72 वर्षीय नेता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। 

इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने  जामिया के स्टूडेंट मोहम्मद अलीम सैयद को अपने परिवार से मिलने के लिए अनंतनाग जाने की अनुमति दे दी। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा और उसे पैरेंट्स से मिलना है। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप को अपने पैरेंट्स का हाल जानने के लिए अनंतनाग जाने की अनुमति दी जाती है। घर से लौटकर दिल्ली आने के बाद याचिकाकर्ता को एफिडेविट फाइल करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि वह इसकी व्यवस्था करेंगे। 

उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद सीताराम येचुरी अपने सहयोगी और मित्र मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने गुरुवार को श्रीनगर जाएंगे। येचुरी ने कहा कि मुलाकात के बाद वह उच्चतम न्यायालय को स्थिति की सूचना देंगे और उसके बाद ही विस्तृत बयान जारी करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि येचुरी कश्मीर से लौटने के बाद उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दायर करेंगे। येचुरी ने ट्वीट किया है कि ‘उच्चतम न्यायालय ने मुझे श्रीनगर जाकर कॉमरेड यूसुफ तारिगामी से मिलने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने मुझे उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने को कहा है। मैं उनसे मिलकर लौटने और अदालत को इसकी जानकारी देने के बाद ही विस्तृत बयान दूंगा।

सीपीएम नेता इस महीने जम्मू-कश्मीर जाने की 2 बार कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने एक बार भाकपा महासचिव डी राजा और एक अन्य बार विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां जाने का प्रयास किया था। उन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश पर दोनों बार श्रीनगर हवाईअड्डे से लौटना पड़ा था। उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रवेश नहीं करने दिया गया था। 

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को हटा दिया था।  कई संगठन, नेता और ग्रुप सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं।  हालांकि, इन सभी के मुद्दे अलग-अलग हैं। कुछ याचिकाएं आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ है। कुछ जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के खिलाफ, जबकि कुछ अभी तक घाटी में जारी पाबंदियों के खिलाफ दायर की गई हैं। 

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।) 

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