बिहार: निर्वाचित पत्नियां भुगत रही हैं ‘मुखिया पतियों’ के अपराध की सजा

सासाराम। बिहार के रोहतास जिले के सासाराम नगर परिषद् की अध्यक्ष कंचन देवी को पुलिस ने 55 लाख के गबन के केस में दिनांक 18 जून दिन शुक्रवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। यह सासाराम नगर परिषद् की दूसरी महिला अध्यक्ष हैं जिन्हें गबन के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 2016 में तत्कालीन अध्यक्ष नाजिया बेगम को गबन के आरोप में जेल भेजा गया था।

इस केस में अन्य दो अभियुक्त हैं जिसमें एक पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी कुमारी हिमानी और कनिष्ठ अभियंता अरुण सिंह जो अभी फरार हैं। रोहतास आरक्षी अधीक्षक आशीष भारती ने इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि एक संवाददाता सम्मलेन में की है। रोहतास आरक्षी अधीक्षक ने इस संवाददाता सम्मलेन कहा कि कंचन देवी के विरुद्ध तीन अलग-अलग मामलों में अगस्त 2020 से मार्च 2021 के बीच सासाराम नगर थाना में एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। बिहार में जब से स्थानीय निकायों में महिला आरक्षण लागू हुआ है सासाराम नगर परिषद् के अध्यक्ष की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है।

उस समय से अब तक चार महिला इस नगर परिषद् की अध्यक्ष पद के लिए चुनी गयी हैं इनमें से दो महिला अध्यक्षों पर पद पर रहते हुए गबन के आरोप लगे हैं और एक पूर्व अध्यक्ष पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। महिला आरक्षण के लागू होने के बाद हुए चुनाव में शशि पाण्डेय इस नगर परिषद् की पहली महिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं। बाद में  पार्षद रहते हुए इन पर भी गबन का आरोप लगा और उनके विरूद्ध भी गिरफ्तारी के आदेश पारित हुए लेकिन घर पर छापेमारी के समय वह फरार हो गयीं बाद में कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी।

2006 में नीतीश कुमार की सरकार ने स्थानीय निकाय में (पंचायत स्तर से नगर निगम तक में) 50% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की थी उसके बाद जब चुनाव हुए तब 50% महिलाओं का जीत कर आना प्रजातंत्र के लिए काफी सुखद रहा लेकिन बिहार की राजनीतिक शब्दावली में एक नए शब्द- ‘मुखिया पति’ या ‘पार्षद पति’ का जन्म हुआ। इसका मतलब यह है जो महिलाएँ स्थानीय निकायों में जीत कर आयीं उनके पति को मुखिया पति या पार्षद पति कहा गया। इसके पीछे वजह यह है कि चुनी हुई ज्यादातर महिला प्रतिनिधि अपने कार्यों को नहीं कर पाती थीं। उनके पति ही उनके कार्यों को देखते हैं।

महिला मुखिया या महिला पार्षद पति द्वारा निर्देशित जगह पर केवल हस्ताक्षर भर करती थीं। बिहार में स्थानीय निकायों में चुनी हुई कई महिलाओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और कई महिलाएँ जेल भी गयी हैं लेकिन वही निर्वाचित महिलाएं जेल गयी या उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे जो अपना काम नहीं कर पाती थीं और उनके बदले उनके पति या घर के अन्य सदस्य उनके काम को देखते थे। वर्तमान में सासाराम नगर परिषद् के अध्यक्ष की गिरफ्तारी को भी इसी संदर्भ में समझने के जरूरत है। पति द्वारा किये हुए अपराध की सजा पत्नी को मिली।    

सासाराम शुरू से ही राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है। पूर्व उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम सासाराम लोक सभा सीट से चुनाव लड़ते थे बाद में उनकी बेटी एवं पूर्व लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसी संसदीय क्षेत्र से कई बार चुनाव लड़ा।   

  (अमित चमड़िया दिल्ली स्थित एक प्राइवेट स्कूल में मास काम के छात्रों के पढ़ाते हैं।)    

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