कांट्रैक्ट पर मछली पालन का करार कर निजी कंपनी ने बीजेपी एमएलए समेत 400 किसानों को ठगा

फिश फॉर्च्यून नामक एक निजी कंपनी ने फिश फार्मिंग के जरिए रकम दोगुनी करने का लालच देकर बीजेपी की महिला विधायक समेत करीब 400 किसानों के साथ ठगी किया है। देवास जिले के एक किसान संजय विश्वकर्मा ने इस साल मार्च में आर्थिक अपराध शाखा में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई है, जो किसानों से बात कर रही है। 

वहीं ठगी का शिकार हुए लोगों का कहना है कि उन्हें न सिर्फ़ 5 लाख रुपये का चूना लगा है बल्कि अपनी खेती की ज़मीन भी उन्होंने मछली पालन के लिए तालाब बनाने के नाम पर खराब कर ली। 

इस ठगी का आरोप फिश फॉर्च्यून नाम की कंपनी पर है, जिसने गुरुग्राम की कंपनी होने का दावा किया था। कंपनी के द्वारा ठगी किये जाने के बाद अपनी शिक़ायत में संजय विश्वकर्मा ने पुलिस को बताया है कि – “कंपनी ने अगस्त 2019 में कॉन्ट्रैक्ट फिश फार्मिंग का काम शुरू किया था। तब उसने किसानों को उनकी आय दोगुनी होने का लालच देकर जोड़ा था। कंपनी के एजेंट्स ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और यूपी के किसानों को जोड़ा था। हमने इसलिए उन पर यक़ीन किया था क्योंकि शुरुआत में उन्होंने मुनाफे के तौर पर कुछ रकम हमें दी थी। अक्टूबर 2020 में मैंने फिश फार्मिंग का फैसला लिया था। उन्होंने मुझसे सिक्योरिटी मनी के तौर पर 5 लाख रुपये की रकम ली थी। इसके अलावा 1.5 एकड़ जमीन को तालाब के रूप में तब्दील करने को कहा था।’

संजय विश्वकर्मा ने आगे बताया है कि यह एग्रीमेंट अक्टूबर 2020 में साइन हुआ था। इसके मुताबिक कंपनी को फिश फार्मिंग करनी थी। उनकी ओर से फिश सीड्स मुहैया कराए जाने थे और फिर 6 महीने के बाद मछलियां हमसे ख़रीदने का करार था। हमें सिर्फ़ मछलियों की देखभाल करने का काम सौंपा गया था। लेकिन न तो उन्होंने हमें कोई फिश सीड मुहैया कराए और न ही कभी तालाब को देखने आए। मैंने अब अपनी पूंजी के साथ ही ज़मीन को भी खो दिया है। विश्वकर्मा ने कहा कि इस ठगी का शिकार होने वाले 400 किसान हैं, जिन्होंने अपना वॉट्सऐप ग्रुप भी बना रखा है। 

मध्य प्रदेश के ही विदिशा के रहने वाले एक और किसान राजेश सिंह ने भी ठगी की शिकायत एसपी के समक्ष दर्ज़ कराया है। उनका कहना है कि पैसे कमाने के लिए उन्होंने ज़मीन किराये पर ली थी और फिर उसे तालाब में तब्दील करा दिया था। अब उन्हें कोई मुनाफा नहीं हुआ। उलटा ज़मीन के मालिक का कहना है कि या तो उन्हें पहले की स्थिति में जमीन वापस करें या फिर पैसे लौटाएं। मैं गहरे कर्ज़ के संकट में फंस गया हूं।

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