बिहार में बाढ़ से दर्जन भर जिलों में जनजीवन प्रभावित, कई इमारतें गिरी

डबल इंजन के सरकार वाले बिहार में भारी बारिश की वजह से कई जिलों में कई इमारतों के गिरने की सूचना है एक दर्जन जिले बाढ़ की चपेट में हैं जबकि कई जगहों पर जलजमाव है और कई मकानों में पानी घुस गया है। बिहार के दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर समेत दर्जन भर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। इन जिलों की छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है। बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्तव्यस्त है। दरभंगा और मोतिहारी में तो कई इमारतें पानी में समा गई हैं।

नदियों में ज़्यादा पानी आने और ज़मीन खिसकने से  मकान गिर रहे हैं। दरभंगा जिले के अतिहार गांव में उप-स्वास्थ्य केंद्र की इमारत भरभराकर ढह गया। वहीं मोतिहारी जिला में नदी किनारे एक मकान देखते ही देखते गिर गया। भवानीपुर में एक मकान भहरा गया। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर और कई इलाकों व मकानों में पानी भरने के बाद लोग निचले स्थानों को छोड़कर ऊंचे इलाकों में जा रहे हैं। आम लोगों के साथ-साथ बाढ़ के कारण चौपायों के लिए भी संकट पैदा हो गया है।

गंडक, बागमती, कमला और महानंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कमला और बागमती नदी ख़तरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। गंडक नदी में जलस्तर के बढ़ने से पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और सारण जिलों में स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। पूर्वी चंपारण ( मोतिहारी ) से निकलने वाली बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गौरतलब है कि पिछले महीने गंडक नदी में नेपाल ने 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा था। सबसे ज़्यादा कोसी और गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अचानक नदियों में पानी आने से लोगों में ख़ौफ़ है। लोग उंचे स्थानों पर ठहराव किए हुए हैं। हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए तो कई मजबूरन निचले इलाकों में ही ठहरे हैं।

(सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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