देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शुमार बिहार में पिछले बीस सालों से डबल इंजन की सरकार है बावजूद इसके बिहार में विकास की गाड़ी एक भी इंच आगे क्यों नहीं खिसकी है इसके राज का पर्दाफाश हो गया है। दरअसल बिहार में कोई भी सरकारी योजना जनता के हितों को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि भाजपा-जदयू के नेताओं को ध्यान में रखकर बनायी जाती है और फिर क्रियान्वयन के लिये उनके सुपुर्द कर दी जाती है। यही हश्र ‘हर घर नल का जल’ योजना का हुआ है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में ‘हर घर नल का जल’ योजना के 53 करोड़ के प्रोजेक्ट सिर्फ़ बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के परिवार और उनके करीबी सहयोगियों को आवंटित किए गए हैं। जिसमें मुख्य रूप से उपमुख्यमंत्री की बहू पूजा कुमारी और उनके साले प्रदीप कुमार भगत की दो कंपनियों के नाम शामिल हैं। कटिहार में भवड़ा पंचायत के सभी 13 वार्डों में पूजा कुमारी और प्रदीप कुमार भगत की कंपनी को काम दिया गया। वहीं उपमुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार की भी कंपनियों को ‘हर घर नल का जल’ योजना में चांदी काटने के लिये आवंटन दिया गया है। कटिहार में योजना को लागू करने से जुड़े अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर अख़बार को बताया है कि इस क्षेत्र में किसी भी काम का पूजा कुमारी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
बिहार सरकार ने दावा किया है कि ‘हर घर नल का जल’ परियोजना में बिहार के 1.08 लाख पंचायत वार्डों में 95 प्रतिशत क्षेत्र को कवर किया गया है। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इस दावे से बहुत दूर है। इंडियन एक्सप्रेस को आंकड़ों से पता चलता है कि, साल 2019-20 में पीएचईडी की तरफ से कटिहार जिले के कम से कम नौ पंचायतों में कई वार्डों को कवर करते हुए पेयजल योजना की 36 परियोजनाएं आवंटित कीं गईं।
जहाँ से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं। गौरतलब है कि कटिहार में भवड़ा पंचायत के सभी 13 वार्डों में पूजा कुमारी और भगत की कंपनी को काम दिया गया। वहीं आंकड़ों के मुताबिक पूजा कुमारी को भवड़ा पंचायत, कटिहार के 4 वार्ड में प्रोजेक्ट मिले और उन्हें पीएचईडी द्वारा सम्मानित भी किया गया। इनकी लागत 1.6 करोड़ रुपये आंकी गई है । जून 2016 से जून 2021 तक कटिहार में परियोजना पूरी हो चुकी है और इसका लगभग 63 प्रतिशत धन पूजा कुमारी को जारी भी कर दिया गया है।
वहीं उपमुख्यमंत्री प्रसाद का कहना है कि इन ठेकों को दिए जाने का आधार राजनीतिक संबंध से कतई जुड़ा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि योजना आवंटन के दौरान वह उस समय कटिहार से विधायक थे और नवंबर 2020 में उप मुख्यमंत्री बने हैं। हालांकि ताराकिशोर प्रसाद ने इस बात को माना कि उनकी बहू और उनके साले प्रदीप कुमार को चार वार्डों का ठेका मिला है, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका दो अन्य कंपनियों से सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं है, बावजूद इसके कि उनके साले उनमें से एक कंपनी में निदेशक थे।
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