श्रावस्ती। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती ज़िले में एक बड़ा मामला होते-होते बच गया। घटना सोमवार दोपहर की है जहां पुलिस ने एक घर पर पाकिस्तान का झंडा लगा होने के आरोप में एक शख्स को हिरासत में ले लिया। लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद और झंडे की जांच के बाद पुलिस ने माना कि ये अराजकता फैलाने के लिए ऐसा किया गया था।
दरअसल, घटना गिलौला कस्बे की है जहां 12 रबी उल अव्वल के चलते एक समुदाय के लोगों ने घरों पर झंडे लगाए हुए थे। इसी तरह पुलिस अचानक एक घर पर पहुंचकर पाकिस्तानी झंडा बताकर एक व्यक्ति को हिरासत में पूछताछ के लिए उठा ले जाती है। जबकि मौके पर बताया जाता है कि आप गूगल पर सर्च कर लें। पुलिस कुछ न मानते हुए व्यक्ति को उठाकर ले जाती है साथ ही धमकाती है कि ज़िन्दगी बर्बाद कर देंगे।
मामला इतनी तेजी से बढ़ा की पुलिस पर दबाव पड़ने लगा। कई जगह से कॉल आने लगी। इधर मुहल्ले वाले सभी थाने पहुंच गए। मामला बढ़ता देख पुलिस ने थाने में ही झंडे की जांच की अंत में कुछ आपत्तिजनक नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस ने युवक को छोड़ दिया। तब जाकर माहौल शांत हुआ।
इससे पहले भी गिलौला में पाकिस्तानी झंडे की अफवाह उड़ाकर माहौल खराब करने की कोशिशें की गई थीं। सवाल ये उठता है कि पुलिस ने खुद माना कि बीजेपी के कार्यकर्ता ने फोटो भेजी थी, लेकिन पुलिस उसका नाम लेने से बचती रही यहां तक कि अफवाह फैलाने के आरोप में कोई पूछताछ तक नहीं हुई। जबकि मामला काफी बढ़ सकता था। उल्टा पुलिस पर दबाव डाला गया कि वो युवक को गिरफ्तार करे। हालांकि पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते हुए युवक को जाने दिया और कहा कि झंडे में ऐसा कुछ नहीं है जिससे कोई आपत्तिजनक चीज़ निकलकर सामने आए।
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