बिहार के जमुई में मिला देश के सबसे बड़े सोने का भंडार

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बिहार में जमुई जिले के करमटिया इलाके में सोने का भंडार मिलने की खबर मिलने से जिले के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं इसकी जानकारी केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में चर्चा के दौरान की। उन्होंने खुलासा किया कि बिहार के जमुई में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है। 

बता दें कि जमुई कई दशकों से स्वर्ण भंडार को लेकर चर्चा में रहा है। यहां के लोग बताते हैं कि बहुत पहले से यहां की मिट्टी में सोने के छोटे-छोटे टुकड़े पाए जाते थे। बहुत पहले लोग करमटिया इलाके की मिट्टी को नदी के पानी में धोकर छानते हुए सोना निकाल लेते थे, जिसके चलते ही लगभग 15 साल पहले सरकार की एजेंसी के लोग यहां आए थे और महीनों रुक कर उन लोगों ने यहां सर्वेक्षण का काम किया था। बताया जा रहा है कि उसी सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि जमुई जिले के सोनो प्रखंड के इसी करमटिया इलाके में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है, बताया जा रहा है कि  यहां देश के कुल स्वर्ण भंडार का 44% सोना है। 

यह भंडार करमटिया इलाके में मिलने से इलाके के लोगों में खुशी है। यहां के लोगों का कहना है कि वे लोग छोटी सी उम्र से ही यह देखते आ रहे हैं कि यहां 8 किलोमीटर की परिधि में मिट्टी में चमकीले खनिज पाए जाते हैं जो सोना है। यहां पहले सर्वेक्षण के लिए कोलकाता की एक टीम 15 साल पहले आई थी। तब सोना के साथ और भी दूसरे खनिज मिलने की बात कही गई थी। अब सरकार ने जब यह कहा है कि यहां सोना का भंडार है तो लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गयी हैं। खनन होने पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार मिलने के साथ ही बिहार और जमुई के समृद्ध होने की संभावना बढ़ गयी है।

बिहार बीजेपी अध्यक्ष और बेतिया सांसद संजय जायसवाल ने लोकसभा में केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी से बिहार में सोने के भंडार को लेकर सवाल किया था। इसी सवाल के जवाब में प्रहलाद जोशी ने जानकारी देते हुये बताया था कि बिहार में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है।

केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खुलासा किया है कि जमुई में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है। अकेले 44 प्रतिशत सोना जमुई जिले के सोनो इलाके में है। अब ऐसे में इस बात पर मुहर लग जाने के बाद इस इलाके के लोगों का खुश होना तो लाजिमी है। माना तो यही जा रहा है कि इससे केवल जमुई नहीं बल्कि पूरा बिहार मालामाल हो जाएगा। इतना ही नहीं झारखंड के कोयला तस्करों तक में खुशी की लहर है। क्योंकि जमुई झारखंड के गिरिडीह जिले से लगा है। धनबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर है। कोयले के अवैध खनन के लिए धनबाद के कोयला तस्कर देशभर में कुख्यात हैं। वे तस्करी के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस से पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक थाना-पुलिस को मैनेज करते हैं। ऐसे में कल तक कोयले की तस्करी करने वाले इन लोगों को अब सोने की तस्करी का मौका मिलेगा।

इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है। कोई कह रहा है कि बिहार की गरीबी दूर हो जाएगी तो किसी को लगता है पड़ोसी झारखंड भी अब बदहाल नहीं रहेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि इससे असल में किसका फायदा होगा। दरअसल इस तरह के किसी भी प्राकृतिक संसाधन पर केंद्र का अधिकार होता है। और राज्य को सिर्फ उसकी रायल्टी मिलती है। ऐसे में पूरा धन केंद्र की झोली में जाएगा और राज्य को महज रायल्टी से संतोष करना पड़ेगा। लिहाजा इन सारी चीजों को देखते हुए यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि वित्तीय संसाधनों में राज्यों की भागीदारी कैसे बढ़ायी जाए इसके लिए सभी राज्यों को मिलकर केंद्र पर दबाव डालना चाहिए।

(वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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