मिर्जापुर: विंध्याचल नवरात्रि मेला के टेंडर में हेराफेरी, नगर पालिका के ईओ पर चहेतों को फायदा पहुंचाने का आरोप

22 मार्च 2023 से विख्यात देवी धाम विंध्याचल में प्रारंभ होने वाले चैत्र नवरात्रि मेला की व्यवस्था में अभी से ही खामियां नजर आने लगी हैं। व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का खेल भी शुरू हो गया है। इस खेल में बाजी मारने का काम नगर पालिका मिर्जापुर ने किया है।

आरोप है कि विंध्याचल नवरात्रि मेला क्षेत्र में लाइट और अस्थाई लाउडस्पीकर लगाने के टेंडर में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद मिर्जापुर, अंगद गुप्ता अपने चहेते को टेंडर देने के लिए कूट रचित हेराफेरी कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं।

ज्ञात हो कि प्रकाश विभाग नगर पालिका परिषद मिर्जापुर द्वारा चैत्र नवरात्रि मेला 2023 विंध्याचल में अस्थाई लाउडस्पीकर द्वारा ध्वनि व्यवस्था करने से संबंधित टेंडर निकाला गया था। टेंडर के क्रम संख्या दो में बनारस बस स्टैंड, बंगाली चौराहा, राणा चुंगी से बिरला गेस्ट हाउस मार्ग पर लगने वाले 16 हार्न का प्रतिदिन के हिसाब से टेंडर में रेट 56 सौ रुपया दिखाया गया था लेकिन आरोप है कि मोटी रकम लेकर टेंडर में कूट रचित हेराफेरी करके 56 सौ की जगह 5000 दिखा दिया गया है।

मौजूदा समय में नगर पालिका के अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। जिलाधिकारी नगर पालिका की प्रशासक हैं, बावजूद इसके उन्हें भी इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि नगर पालिका परिषद मिर्जापुर के अधिशासी अधिकारी की इस हेराफेरी भरे कारनामें की सोशल मीडिया पर जोरशोर से चर्चा हो रही है। हालांकि इस संदर्भ में जब अधिशासी अधिकारी अंगद गुप्ता से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।

नवरात्रि मेले में प्रतिवर्ष होती है हेराफेरी

चैत्र नवरात्रि मेला में प्रकाश और लाउडस्पीकर के टेंडर में चहेतों को लाभ पहुंचाने की गरज से नगर पालिका परिषद मिर्जापुर के अधिशासी अधिकारी द्वारा खेला गया खेल कोई नया नहीं है। लोगों का कहना है कि हर नवरात्रि मेले में बड़ा खेल होता है। जिसकी यदि गहराई से जांच कराई जाए तो एक बड़ा घोटाला सामने होगा।

नगर पालिका परिषद के एक कर्मचारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया है कि नवरात्रि मेला को सम्पन्न कराने में नगर पालिका का महत्वपूर्ण योगदान होता है, ऐसे में सफाई कर्मचारियों की शिफ्टवार तैनाती से लेकर पूरे मेला क्षेत्र में प्रकाश और अस्थाई ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) इत्यादि की व्यवस्था करनी होती है। जिसमें जमकर कमीशनखोरी से लेकर चहेतों को टेंडर देकर जेब गर्म किया जाता है।

मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है विंध्य कारिडोर परियोजना

देश के सुविख्यात देवी धामों में विंध्याचल देवी धाम का अपना एक अलग स्थान है। उत्तर प्रदेश के जनपद मिर्जापुर के विंध्याचल में स्थित विंध्याचल देवी मंदिर लाखों श्रद्धालुओं के ना केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में दूर-दूर से दर्शनार्थियों के आने का क्रम अनवरत जारी रहता है। अयोध्या और काशी की तर्ज पर विंध्याचल देवी धाम को विंध्य कारिडोर के तहत भव्य रूप देने की तैयारी जोर शोर से चल रही है।

विंध्य कारिडोर परियोजना पर बराबर मुख्यमंत्री स्वयं नजर गड़ाए हुए हैं। वह कई बार विंध्याचल धाम आकर इसके कार्य का निरीक्षण भी कर गए हैं। ऐसे में यह योजना ना केवल मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल बताई जाती है, बल्कि इस परियोजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए बराबर सरकार द्वारा दिशानिर्देश भी प्राप्त होते रहते हैं। ऐसे में विंध्याचल में आयोजित होने वाला नवरात्रि मेला दागदार हो, भला मुख्यमंत्री कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं।

बताते चलें कि विंध्य कारिडोर परियोजना के तहत विंध्याचल देवी धाम का दिन-प्रतिदिन स्वरूप निखरता हुआ दिखलाई दे रहा है। ऐसे में चैत्र नवरात्रि मेले में देश के कोने-कोने से विंध्याचल आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए यह कई मायने में अलौकिक भी होगा। जिला प्रशासन पूरी ताकत के साथ इसे सफल बनाने में भी जुटा हुआ है, वहीं नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी जो यहां अंगद की तरह पांव जमाए बैठे हैं, मानों उन्होंने विंध्याचल नवरात्रि मेला के टेंडर में हेराफेरी कर, मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को ठेंगा दिखाने कि ठानी है। मजे की बात है कि नगर पालिका परिषद मिर्जापुर के इस गड़बड़झाले पर जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी चुप्पी साध ली है।

(मिर्जापुर से संतोष देव गिरि की रिपोर्ट)

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