ऑस्कर से पुरस्कृत फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ से क्या दुनिया कुछ सीखेगी?  

ऑस्कर दुनिया का सबसे लोकप्रिय फिल्म पुरस्कार बन गया है। यह मूलतः अमेरिका का सिनेमा और मनोरंजन के क्षेत्र में दिया जाने वाला पुरस्कार है। इसे अकादमी पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है। इस पुरस्कार को हॉलीवुड की गिरती प्रतिष्ठा को बचाने के लिए शुरू किया गया था। आज फिल्म से जुड़े दुनिया भर के लोगों का सपना होता है ऑस्कर पुरस्कार को जीतना।

इस बार भारत से तीन फिल्मों को नॉमिनेट किया गया था जिसमें दो फिल्मों को यह पुरस्कार मिला। फिल्म RRR को ‘बेस्ट ओरिजिनल म्यूजिक सॉन्ग’ और ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ को बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट का ऑस्कर मिला। इसके पहले 1983 में भानु अथैया को फिल्म ‘गांधी’ के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइनर का पुरस्कार, 1992 में सत्यजीत रे को ऑनरेरी लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार और 2009  में ‘स्लम डॉग मिलियनेयर’ को मिल चुका है जिसमें गुलज़ार और ए आर रहमान का नाम भी शामिल है।

अगर ऑस्कर पुरस्कार के इतिहास की बात करें तो 1929 में यह पहली बार दिया गया था। यह वह दौर था जब हॉलीवुड पर ड्रग का ओवरडोज चढ़ा हुआ था और हत्याएं तक हो रही थीं और साथ ही काम करने वालों की कमी हो रही थी तथा जो लोग काम कर रहे थे, उनमें वेतन को लेकर एकता बन रही थी। दूसरी तरफ अमेरिका की अर्थव्यवस्था नीचे गिर रही थी, स्टॉक मार्केट लुढ़क रहे थे और बेरोजगारी बढ़ रही थी। यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़े तनाव का दौर था।

1929 में पहली बार अकादमी पुरस्कार फिल्म के राइटर, डायरेक्टर और कंपनी के बीच संतुलन बनाने के लिए दिया गया था। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी और बाद में इस पुरस्कार को दुनिया की और भी भाषाओं के साथ जोड़ा जाने लगा। आज ऑस्कर पुरस्कार इतना लोकप्रिय हो गया है कि दुनिया का हर देश इस पुरस्कार को पाना चाहता है।

‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ एक खूबसूरत डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म है जिसमें हाथी और मानव के बीच के भावनात्मक संबंध को दिखाया गया है। आदिवासी समुदाय हमेशा से प्रकृति के नजदीक रहा है। उनका घर जंगल, पहाड़ और नदी ही रहा है और वे उन्हीं की पूजा भी करते रहे हैं। वे जंगल में रहने वाले पशु-पक्षी को अपने घर का सदस्य ही मानते रहे हैं। वे प्रकृति से उतना ही लेते हैं, जितने की उनको जरूरत होती है।

आज पूरी दुनिया में जिस तरह से जंगलों की कटाई हो रही है, जंगली जानवर पशु-पक्षी लुप्त हो रहे हैं, पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है, पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, तो क्या यह ऑस्कर विजेता फिल्म दुनिया की सरकारों और लोगों को यह संदेश दे पाएंगी कि विकास के नाम पर जंगलों की कटाई और खनन को बंद किया जाए या फिर यह फिल्म जगत और लोगों का एक मनोरंजन बन कर रह जायेगी?

(मंजुला लेखिका एवं स्वतंत्र टिप्णीकार हैं)

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