नई दिल्ली। लोकसभा सदस्यता रद्द होने के राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।” राहुल गांधी ने यह संकेत दे दिया है कि लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद भी वह डरकर चुप बैठने वाले नहीं है। कुछ दिन पहले भारत जोड़ो यात्रा में दिए एक भाषण के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें एक नोटिस देकर जवाब मांगा है। लगता है केंद्र सरकार अब राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से घेरने में अक्षम पा रही है, लिहाजा वह उन्हें कानूनी दांव-पेंच में उलझा रही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने भारत के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा जिसे आप ख़त्म करने में लगे हैं।

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- नरेंद्र मोदी जी! आपके चमचों ने एक शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफ़र कहा। आपके एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी का पिता कौन है?
कश्मीरी पंडितों के रिवाज निभाते हुए एक बेटा पिता की मृत्यु के बाद पगड़ी पहनता है, अपने परिवार की परंपरा क़ायम रखता है। भरी संसद में आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडित समाज का अपमान करते हुए पूछा कि वह नेहरू नाम क्यों नहीं रखते…. लेकिन आपको किसी जज ने दो साल की सज़ा नहीं दी। आपको संसद से डिस्क्वालिफाई नहीं किया गया।
राहुल जी ने एक सच्चे देशभक्त की तरह अडानी की लूट पर सवाल उठाया। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पे सवाल उठाया…। क्या आपका मित्र गौतम अडानी देश की संसद और भारत की महान जनता से बड़ा हो गया है कि उसकी लूट पर सवाल उठा तो आप बौखला गए?
आप मेरे परिवार को परिवारवादी कहते हैं, जान लीजिए इस परिवार ने भारत के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा जिसे आप ख़त्म करने में लगे हैं। इस परिवार ने भारत की जनता की आवाज़ बुलंद की और पुश्तों से सच्चाई की लड़ाई लड़ी।
हमारी रगों में जो खून दौड़ता है उसकी एक ख़ासियत है-आप जैसे कायर, सत्तालोभी तानाशाह के सामने कभी नहीं झुका और कभी नहीं झुकेगा। आप कुछ भी कर लीजिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के इतिहास में सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री, सबसे कम पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री है। सारे लोगों को साथ आना पड़ेगा। ये लड़ाई राहुल गांधी की लड़ाई नहीं है। ये लड़ाई कांग्रेस की लड़ाई नहीं है। ये लड़ाई इस देश को बचाने की लड़ाई है। एक तानाशाह से, एक कम पढ़े-लिखे व्यक्ति से, एक अहंकारी व्यक्ति से-इस देश को बचाने की लड़ाई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि, संसद की सदस्यता के अपहरण से राजनीतिक चुनौती ख़त्म नहीं हो जाती। सबसे बड़े आंदोलन संसद नहीं; सड़क पर लड़कर जीते गये हैं।
जिन महोदय ने मानहानि का दावा किया है दरअसल ये उन्हें अपने उन लोगों पर करना चाहिए जो अपने देश को धोखा देकर विदेश भाग गये, जिससे उनके नाम-मान को हानि पहुंची है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि, सांसद के रूप में राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना लोकतंत्र के लिए मौत की घंटी का संदेश है। भाजपा की बदले की राजनीति का खतरनाक गति से निरंकुशता में रूपांतरण हो रहा है। यदि कोई इतिहास में जाए, तो यह बहुत स्पष्ट रूप से देख सकता है कि ऐसे निरंकुशों का क्या हश्र होता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर विपक्षी नेता! जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है। आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर देखा है।”
(जनचौक की रिपोर्ट।)