अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ भी आया महिला पहलवानों के समर्थन में

नई दिल्ली। महिला पहलवानों के समर्थन में अब अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ भी उतर आया है। संघ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कई महीनों से यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) भारत की इन बेहद चिंताजनक परिस्थितियों पर नजर रख रहा है जिसमें भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ पहलवान आंदोलन कर रहे हैं। उसका कहना है कि उसने इस बात का संज्ञान लिया है कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को पहले ही किनारे लगा दिया गया है और मौजूदा समय में वह चार्ज में नहीं हैं।

संगठन का कहना है कि कुछ दिनों पहले की घटनाएं और ज्यादा चिंता पैदा करने वाली हैं जब विरोध-प्रदर्शन को आयोजित किए जाने पर पहलवानों को कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया गया। और एक महीना से ज्यादा जिस जगह पर वो धरना-प्रदर्शन कर रहे थे प्रशासन ने उसे जबरन खाली करा लिया है।

संघ ने कहा कि वह पहलवानों की गिरफ्तारी और उनके साथ किए गए व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही उसने जांच के नतीजे न आने पर गहरी चिंता जाहिर की है। वैश्विक संघ ने कहा है कि वह संबंधित अधिकारियों से आरोपों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की अपील करता है। 

जैसा कि इस स्थिति के पैदा होने के शुरू में ही यह सब हो चुका है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू उनकी स्थिति और सुरक्षा को जानने के लिए पहलवानों के साथ एक बैठक करेगा और उनकी चिंताओं को हल करने और उनके प्रति अपने समर्थन को फिर से दोहराने के लिए एक प्रस्ताव पारित करेगा।

आखिर में यूडब्ल्यूडब्ल्यू का कहना है कि वह आईओए से अगली चुनी हुई जनरल एसेंबली और डब्ल्यूएफआई की तदर्थ कमेटी के बारे में सूचना चाहता है। इस इलेक्टिव एसेंबली की बैठक के लिए प्राथमिक तौर पर तय किए 45 दिन की मियाद का सम्मान किया जाना चाहिए। उसका कहना है कि ऐसा नहीं होने पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू फेडरेशन को सस्पेंड कर देगा और फिर उसके बाद एथलीटों को न्यूट्रल फ्लैग के तहत शामिल होने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। संघ का कहना है कि इस चीज को याद रखा जाना चाहिए कि इन्हीं परिस्थितियों के चलते यूडब्ल्यूडब्ल्यू दिल्ली में आयोजित होने वाले एशियन चैंपियनशिप को पहले ही स्थानांतरित कर कुछ ठोस उपाय कर चुका है।  

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