दिल्ली अध्यादेश का विरोध करेगी कांग्रेस, विपक्षी दलों की बैठक में AAP के शामिल होने की उम्मीद

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नई दिल्ली। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की होने वाली बैठक से ठीक एक दिन पहले, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का विरोध करती है। सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी के शामिल होने के सवाल पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि “मुझे लगता है कि वे (आप) कल बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। जहां तक ​​अध्यादेश (दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर) का सवाल है, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। हम इसका समर्थन नहीं करने जा रहे हैं।”

पटना में पहली विपक्षी बैठक के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा था कि जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से अध्यादेश की निंदा नहीं करती, उसके लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना “बहुत मुश्किल” होगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि “जहां तक दिल्ली अध्यादेश का सवाल है, हमारा रुख बिल्कुल साफ है। हम संघवाद को नुकसान पहुंचाने की केंद्र सरकार की कोशिश का लगातार विरोध कर रहे हैं। हम विपक्ष शासित राज्यों को राज्यपालों के माध्यम से चलाने के केंद्र सरकार के रवैये का लगातार विरोध कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि पार्टी ने शनिवार (15 जुलाई) को संसदीय रणनीति बैठक में अपना फैसला लिया।

वेणुगोपाल ने कहा “केवल दिल्ली अध्यादेश ही नहीं, देश में संघवाद को नुकसान पहुंचाने, राज्यपालों के माध्यम से राज्यों के मामलों में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास का हम समर्थन नहीं करेंगे। उसी तरह, दिल्ली अध्यादेश का भी हम समर्थन नहीं करेंगे।”

कांग्रेस की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट करके कहा कि, “कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के प्रति अपने स्पष्ट विरोध की घोषणा करती है। यह एक सकारात्मक परिणाम है।”

इस बीच, विपक्ष की बैठक पर चर्चा के लिए आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) आज शाम 4 बजे बैठक करने वाली है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह बेंगलुरु बैठक में शामिल होंगे, आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि वह पीएसी की बैठक के बाद ही बतायेंगे। पंजाब के सीएम भगवंत मान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएसी बैठक में शामिल होंगे।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद अध्यादेश ने नौकरशाही का नियंत्रण दिल्ली के उपराज्यपाल को सौंप दिया था।

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