कल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में कार्पोरेट और फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ़ मजदूरों के वेतन की मांग उठाकर राज्य और हरियाणा पुलिस के निशाने पर आईं और हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से जमानत पर छूटीं दलित मजदूर अधिकार कार्यकर्ता नौदीप कौर भी बतौर वक्ता शामिल होने आई थीं।

कार्यक्रम में नौदीप कौर के शामिल होने की ख़बर पाकर एबीवीपी के लोग भी वहां इकट्ठा हो गए। उनके हाथों में लाठी-डंडे समेत तमाम हथियार थे। अभी कार्यक्रम शुरू ही हुआ था कि तभी उसके लोगों ने लोगों पर हमला कर दिया और पोस्टर फाड़ दिये। जब कार्यक्रम की आयोजक लड़कियों ने उन्हें रोका तो एबीवीपी के गुंडों ने लड़कियों के कपड़े फाड़ डाले और उनको गालियां दीं।
कार्यक्रम कवर करने आई एक महिला पत्रकार ने कहा कि वहां आरएसएस के एबीवीपी संगठन का क्या काम था? आरएसएस का एबीवीपी संगठन एक समानांतर पुलिस बल बनता जा रहा है। जिसका काम छात्रों, एक्टिविस्टों, बुद्धिजीवियों पर हमले करना है।

वहीं कार्यक्रम कवर कर रहे पत्रकार ऋषिकेश शर्मा ने इसे सत्ता का खुला नंगा नाच बताते हुए कहा है कि लड़कियाँ और नौदीप कौर एक कार्यक्रम कर रही थीं और एबीवीपी संगठन से संबंधित कुछ गुंडों ने वहां पर मारपीट करना, गुंडागर्दी करना शुरू कर दिया। जबकि उनका उस कार्यक्रम में होने का कोई मतलब नहीं था।
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