नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बलोदा बाजार जिला हेडक्वार्टर पर हुई अभूतपूर्व आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के बाद जिले के कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया गया है। इस घटना को अंजाम सतनामी समाज के लोगों ने दिया जो अपने एक पवित्र स्थल के अपमानित किए जाने से बहुत नाराज थे और उसके खिलाफ बहुत दिनों से आंदोलन कर रहे थे।
अधिकारियों और समुदाय के लोगों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह मामला महीनों से सुलग रहा था और समुदाय के भीतर बेहद नाराजगी थी लेकिन खतरे की इस घंटी को प्रशासन दरकिनार करता रहा। जो आखिर में एक हजार लोगों द्वारा अंजाम दी गयी हिंसा के रूप में सामने आया।
ये सभी 7000 सदस्यों वाले सतनामी समाज के हिस्से थे। जो छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से आये थे और जैतखाम के अपवित्र किए जाने के खिलाफ बलोदा बाजार गए थे। जैतखाम वह ढांचा है जो सतनामी संप्रदाय के लोगों के लिए बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण है। यह अमर गुफा में स्थित है जो बलोदा बाजार जिले के गिरौदपुरी गांव से पांच किमी दूर है। अपवित्र करने की यह घटना 16-17 मई को हुई थी।
आपको बता दें कि गिरौदपुरी गुरु घासीराम का जन्मस्थान है जो 1756 ई में पैदा हुए थे। अमर गुफा उनके पांच बेटों में से एक अमरदास के नाम से स्थापित की गयी थी। सतनामी समाज सतनाम पंथ के नाम से जाना जाता है। यह एक धार्मिक आंदोलन है जिसकी स्थापना गुरु घासीदास ने किया था। इस पंथ में ज्यादातर दलित समुदाय के लोग शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि बिहार के तीन मजदूरों को अपवित्र करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सोमवार को 11 बजे प्रदर्शनकारी स्थल को अपवित्र करने के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर बलोदा बाजार के दशहरा ग्राउंड में एकत्रित होना शुरू हो गए। और तकरीबन 2.30 बजे वो कलेक्टर दफ्तर की तरफ मार्च कर दिए जो वहां से तकरीबन डेढ़ किमी दूर था। एसपी का दफ्तर भी उसी परिसर में है।
पूरे घटनाक्रम का विवरण देते हुए जिला कलेक्टर केएल चौहान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विरोध प्रदर्शन के आयोजकों को इजाजत केवल गार्डेन चौक तक आने की थी जो कलेक्टर दफ्तर से एक किमी दूर है। मुझे एक आवेदन दिया था जिसमें उन्होंने कलेक्टर दफ्तर तक आने की अनुमति मांगी थी। लेकिन हमने आयोजकों से बातचीत की उसके बाद उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया था कि वो गार्डेन चौक को पार नहीं करेंगे।
लेकिन शाम 3 बजे तक 1000 लोगों की एक भीड़ ने पुलिस के बैरिकेड को तोड़ दिया और फिर वह कलेक्टर परिसर में पहुंच गयी। मौके पर मौजूद तकरीबन 300-350 पुलिसकर्मी बहुत कम पड़ गए और फिर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले फेंकने के बावजूद भीड़ पर नियंत्रण नहीं हासिल किया जा सका।
जैसे ही भीड़ ने पत्थर फेंकने शुरू किये वैसे ही कलेक्टर दफ्तर के ढेर सारे खिड़कियों के शीशे टूटने लगे। और उसी के साथ एसपी के दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया गया। और वहां खड़ी गाड़ियां भी जला दी गयीं।
इस तरह से कुल 214 गाड़ियों को ध्वस्त किया गया। जिसमें 20 कारें, 64 दो पहिया और दो फायर इंजन और एक आटो शामिल था। चौहान ने बताया कि वो लोग बोतल में भरकर पेट्रोल ले आए थे जिसको उन्होंने गाड़ियों को जलाने में इस्तेमाल किया। वो पत्थर भी लाए थे। जिससे इस बात का पता चलता है कि वह पूरी योजना के साथ आए थे।
इस घटना में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया है। जबकि 25-30 पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आयी हैं। पुलिस ने तकरीबन 74 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। और इसके साथ ही सर्विलांस कैमरे को चेक किया जा रहा है। उसके जरिये इस हमले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।
मामले में छह एफआईआर दर्ज की गयी है। पूजास्थल को अपवित्र करने के खिलाफ गुस्सा पिछले महीने से ही सुलग रहा था। सतनामी समाज के लोगों की भावनाएं आहत थीं जिनकी बलोदा बाजार समेत छत्तीसगढ़ में अच्छी-खासी संख्या है, और सरकार इस पूरे मामले को कम करके आंक रही थी। ऐसा कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे गुरु रुद्र कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा।

रुद्र कुमार ने कहा कि हमारे सतनामी समाज में हम मूर्ति की पूजा नहीं करते हैं। हम जैतखाम और गद्दी (सीट) की पूजा करते हैं। जैतखाम एक प्रतीक है जो गुरु घासीदास बाबा का प्रतिनिधित्व करता है। उसको अपवित्र करने का मतलब है पूरे समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़। सरकार ने हमारी भावनाओं को कम करके आंका। हम पिछले महीने से ही विरोध कर रहे हैं। हम यह जानना चाह रहे थे कि क्या इसके पीछे बीजेपी है। या फिर यह हमारे समाज को तोड़ने का एक षड्यंत्र है। या फिर हमारे पवित्र स्थल को बदनाम करने की साजिश है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वह गुरु घासीराम दास की छठी पीढ़ी हैं।
यहां तक कि उन्हें चेतावनी दी गयी थी बावजूद इसके वो टस से मस नहीं हुए। उन्होंने कुछ बिहारी मजदूरों को गिरफ्तार किया है जिनके बारे में हम लोगों का मानना है कि वो शामिल नहीं थे। इसलिए हमने सीबीआई जांच की मांग की। हमारा समाज शिकायत दर्ज करने के लिए एक शांतिपूर्ण मार्च कलेक्टर दफ्तर तक निकालना चाहता था। सतनामी समाज छत्तीसगढ़ की 55-90 विधानसभा सीटों पर प्रभाव डाल सकता है। फिर भी सरकार ने इसे हल्के में लिया।
समाज के एक वरिष्ठ सदस्य ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि हम जैतखाम को तब तक फिर से स्थापित नहीं करेंगे जब तक कि असली दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है ऐसा समाज ने फैसला लिया। लेकिन एक बीजेपी विधायक ने उसे फिर स्थापित कर दिया। जिसने समाज के एक हिस्से की भावना को चोट पहुंचा दी।
मंगलवार की शाम को एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी सरकार में खाद्यमंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ विधायकों समेत कांग्रेस नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे जिसने इस घटना को अंजाम दिया। इसके साथ ही उन्होंने भीम आर्मी के भी इसमें शामिल होने का आरोप लगाया।
प्रदर्शन से पहले स्थानीय खबरों में इस बात की संभावना जाहिर की जा रही थी कि विरोध प्रदर्शन में एक लाख से ऊपर लोग शामिल होंगे। विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले भीम रेजीमेंट नाम के एक समूह के सदस्य ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला जिसमें उसने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि राज्य सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है। उसने वीडियो में कहा कि उसके समूह का हर सदस्य प्रदर्शन में शामिल होगा। और चाहे किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था कर दी जाए वो रुकने वाले नहीं हैं।
समाज के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुछ संगठन जो उनसे जुड़े नहीं थे इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। समाज को शांति के लिए जाना जाता है।
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