लखनऊ में प्रशासन ने नहीं दी ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ मैराथन की इजाजत, झांसी में 10 हजार से ज्यादा ने लिया हिस्सा

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कांग्रेस पार्टी द्वारा आज लखनऊ और झांसी में प्रस्तावित लड़कियों की लड़की हूं लड़ सकती हूँ मैराथन आयोजित किया गया है। लखनऊ की मैराथन को यूपी पुलिस ने इज़ाज़त नहीं दिया जबकि झांसी में लड़कियों की मैराथन का आयोजन किया गया।

कांग्रेस की 26 दिसंबर को लखनऊ में तय लड़कियों की मैराथन को योगी सरकार ने इज़ाज़त नहीं दी। इसके लिए प्रशासन ने धारा 144 और कोविड प्रोटोकॉल का हवाला दिया है।

कांग्रेस ने मैराथन की इज़ाज़त न देना योगी सरकार की तानाशाही बताया है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाया है कि मुख्यमंत्री योगी ने आज ही इकाना स्टेडियम में लाखों की भागीदारी के दावे के साथ कार्यक्रम किया, क्या वहां धारा 144 नहीं है, क्या भाजपा के कार्यक्रम में कोविड का ख़तरा नहीं।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि “प्रियंका गांधी के प्रति यूपी की लड़कियों के आकर्षण को देखकर योगी सरकार डर गयी है। सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि – “कुछ दिन पहले पर्यटन विभाग ने उसी 1090 चौराहे से मैराथन करायी थी, फिर लड़की हूं, लड़ सकती हूं मैराथन पर रोक क्यों।

वहीं दूसरी ओर झांसी में बिना सरकारी बस लगाये बिना सरकारी तंत्र लगाये 10 हजार से अधिक लड़कियों ने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूँ’  मैराथन में हिस्सा लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि झांसी मैराथन में लड़कियों की भीड़ देखकर योगी सरकर खबरा गई है इसी कारण से उसने लखनऊ मैराथन पर रोक लगा दी।

जबकि लखनऊ के 1090 चौराहे पर कांग्रेस के मैराथन में शामिल होने दूर-दूर से पहुंचीं लड़कियों ने मैराथन रोकने को लेकर सरकार से नाराज़गी जाहिर की है।

कांग्रेस के तमाम नेता भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने मैराथन के लिए पहुंची लड़कियों को सरकार की कारगुज़ारी के बारे में बताया।

26 दिसंबर को लड़कियों की मैराथन दौड़ की इज़ाज़त न दिये जाने के ख़िलाफ़ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के सप्रू मार्ग पर स्थित कमिश्नर आवास का घेराव किया। जिसके बाद कमिश्नर आवास पर भरी मात्रा में तैनात पुलिस बस ने महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि “हम जानते हैं कि तुम इस क्रांति से डर गए…लखनऊ की अनुमति रद्द करने की तुम्हारी मंशा बीच चौराहे पर उजागर हो गई है। यह झांसी मैराथन में लड़कियों की 10,000+ भीड़ है, जो हुक्मरानों को संदेश दे रही है कि ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’। यह महिलाओं का जनगीत तानाशाही सरकार को डरा रहा है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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