सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता होगी बहाल

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पूर्वी उत्तर प्रदेश की गाजीपुर लोकसभा सीट से 2019 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर निर्वाचित हुए अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की गैंगस्टर एक्ट में दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से 30 जून 2024 तक अफजाल के मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने के लिए भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता खुल गया है।

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद रह चुके अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में कुछ महीने पहले ही एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए चार वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को सशर्त निलंबित किया है।

सजा पर लगी इस रोक के बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में ही उनकी संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी। इसके बाद वह संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में हिस्सा ले सकेंगे।

अफजाल अंसारी पूर्वी उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से 2019 में लोकसभा सांसद बने थे। वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने चुनाव में तब केंद्रीय मंत्री रहे और अभी जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को हरा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट 2007 मामले में पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सजा को  कुछ शर्तों के साथ निलंबित कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि अंसारी न तो लोकसभा में मतदान कर सकते हैं और न ही वह बतौर संसद सदस्य मिलने वाले भत्ते प्राप्त कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ उसकी आपराधिक अपील का निपटारा 30 जून, 2024 तक करने का भी निर्देश दिया है।

इस वर्ष 31 अक्टूबर को कोर्ट ने मामले में अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग वाली अफजाल अंसारी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीटीआई के मुताबिक 24 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि को निलंबित करने से इंकार कर दिया था, लेकिन मामले में अफजाल अंसारी को जमानत दे दी थी।

मई 2023 में, जेल में बंद और गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर की विशेष अदालत ने 4 साल की जेल सजा सुनाई थी। उन्हें  2007 के उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम मामले में यह सजा सुनाई गई थी।

रिपोर्ट कहती है कि 29 नवंबर 2005 को भाजपा के कृष्णानंद राय की छह साथियों के साथ गाजीपुर में हत्या कर दी गई थी। 2007 में, गाजीपुर पुलिस ने कृष्णानंद राय और छह अन्य की हत्या और वाराणसी स्थित व्यापारी नंद के अपहरण और हत्या के आधार पर मुख्तार और उनके भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ यूपी गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए थे।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

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