अंबेडकर विवाद: विपक्षी सांसदों ने किया विजय चौक पर अमित शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नई दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर के “अपमान” के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष की बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। संसद के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। यह सही है कि एक मुद्दे पर भाजपा रक्षात्मक है।

लेकिन वह अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। लोकसभा के मकर द्वार पर भाजपा सांसद को राहुल गांधी द्वारा तथाकथित तौर पर दिए धक्के में मुद्दे को भाजपा कानूनी जामा पहना रही है।

भाजपा का दावा है कि भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी को चोट लगी है। यह सही है कि विपक्षी सांसदों के साथ ही देश की जनता इसे झूठ मान रही है। लेकिन भाजपा ने राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज करा दिया है।

शुक्रवार को विपक्षी सांसदों ने बीआर अंबेडकर का “अपमान” करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफे की मांग करते हुए विजय चौक पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने विजय चौक से संसद तक विरोध मार्च भी निकाला।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि यह “उनकी हताशा के स्तर को दर्शाता है”।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “पूरा देश देख रहा है, उन्होंने राहुल गांधी पर कई मामले लगाए हैं। वे नई एफआईआर लाते हैं और झूठ बोलते हैं…यह उनकी हताशा के स्तर को दर्शाता है।”

प्रियंका गांधी ने विजय चौक पर इंडिया ब्लॉक के कई अन्य सांसदों के साथ मिलकर शाह की टिप्पणी का विरोध किया और इस मुद्दे पर शाह से माफी और इस्तीफे की मांग की। वह एक तख्ती लिए नजर आईं, जिस पर लिखा था, ‘बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’। सांसदों ने ‘जय भीम’ ‘अमित शाह माफी मांगो’ और ‘इस्तीफा दो’ जैसे नारे लगाए।

यह विरोध प्रदर्शन अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों द्वारा अलग-अलग मार्च निकालने के एक दिन बाद आया है, जिसके कारण संसद परिसर में धक्का-मुक्की हुई, जिसमें भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए।

प्रियंका गांधी ने कहा कि “मोदी सरकार डरती है। ये सरकार अडानी पर चर्चा से डरती है। अब उन्होंने जो किया है, उनके मन में अंबेडकर जी के प्रति जो असली भावना थी वो सामने आ गई है। इसलिए अब वे विपक्ष से डर रहे हैं, क्योंकि अब हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं। हमारा संविधान अंबेडकर जी की देन है। उनका अपमान ये हिंदुस्तान नहीं सहेगा।”

भाजपा ने राहुल गांधी पर वरिष्ठ सदस्य को धक्का देने का आरोप लगाया है, कांग्रेस नेता ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।

विपक्ष ने बुधवार को सरकार को घेरने के लिए अंबेडकर पर शाह की टिप्पणी को भुनाया और उनके इस्तीफे की मांग की, जिसे उन्होंने संविधान के निर्माता का अपमान बताया।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि “BJP का एक सोचा-समझा मॉडल है। वो पहले असंवैधानिक और गैरकानूनी काम करते हैं, वहीं अगर आप उनका विरोध करें तो प्रशासन से आपके ऊपर कार्रवाई करवाते हैं”।

“सदन में बीजेपी ने जो किया वो बाबा साहेब का अपमान है। बाबा साहेब देश के लिए पूजनीय हैं, उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है। अमित शाह अपने शब्दों को वापस लें और देश से माफी मांगें।”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश कहते हैं कि “संसद परिसर में मकर द्वार के सामने जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह एक सुनियोजित साजिश थी। 17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब को लेकर अपमानजनक बातें कही थी और उससे ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया गया”।

“जबकि गृह मंत्री के अपमानजनक बयान पर पूरे विपक्ष ने आपत्ति जताई थी। नेता प्रतिपक्ष श्री खरगे ने PM मोदी से मांग की थी कि गृह मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए। हमने मांग भी रखी थी कि अमित शाह माफी मांगें”।

“अब इस घटनाक्रम में जो FIR दर्ज हुई है, वह राहुल गांधी जी के खिलाफ नहीं है, बल्कि अंबेडकर जी और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।”

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि ” बीजेपी के सदस्य झूठा FIR कर रहे हैं। हमारी चुनौती है कि वे एक वीडियो भी दिखा दें जहां राहुल गांधी जी घायल सांसद के कहीं आसपास भी खड़े हों। आप देखिए किस तरह डंडे में झंडा लगाकर उन्हें लहराया जा रहा था, किस तरह मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी के साथ धक्का-मुक्की की गई।

महिला सांसदों को सदन के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। उनके साथ भी धक्का-मुक्की की गई। लेकिन कुछ भी हो जाए, हमें लाठियां भी खानी पड़ जाए, तब भी हम अंबेडकर जी का अपमान नहीं होने देंगे।”

(जनचौक की रिपोर्ट)

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