आंखी दास ने फेसबुक से दिया इस्तीफा

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नई दिल्ली। राजनीतिक पक्षपात करने के आरोपों से घिरी फेसबुक की उच्च पदस्थ अधिकारी आंखी दास ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा मंगलवार से लागू होगा। हेट स्पीच के मामले में कुछ दिनों पहले उनके ऊपर बीजेपी के पक्ष में काम करने का आरोप लगा था। और इस सिलसिले में वाशिंगटन स्थित डब्ल्यूएसजे ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके आने के बाद पूरे देश और दुनिया में बवाल खड़ा हो गया था।

हालांकि उस समय फेसबुक ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही मौजूदा प्रकरण पर भी उसका कहना है कि आंखी दास के इस्तीफे का उस विवाद से कुछ लेना देना नहीं है। दास फेसबुक इंडिया, दक्षिण और मध्य एशिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर थीं। उनका कहना है कि वह सामाजिक कार्यों के लिए कंपनी को छोड़ रही हैं।

अपनी एक सहयोगी को भेजे गए संदेश में आंखी दास ने अपने पुराने दिनों को याद किया जब उन्होंने 2011 में कंपनी ज्वाइन की थी। उन्होंने लिखा है कि “तब हम एक अनलिस्टेड स्टार्टअप थे और केवल अपने मिशन और भारत की आम जनता से संपर्क करने के लक्ष्य से संचालित थे। 9 साल के इतने दिनों बाद मुझे महसूस होता है कि मिशन एक हद तक पूरा हो गया। कंपनी में बेहद बुद्धिमान और विश्वसनीय तौर पर स्मार्ट लोगों से मैंने बहुत कुछ सीखा। खासकर पॉलिसी टीम से। यह एक विशिष्ट कंपनी है और इसमें एक विशेष समूह के लोग हैं। दुनिया के लिए कुछ सुंदर बनाने के लिए शुक्रिया मार्क। मुझे उम्मीद है कि मैंने आप की और कंपनी की बेहतर तरीके से सेवा की। मैं जानती हूं कि हम फेसबुक पर संपर्क में रहेंगे”। 

एक बयान में फेसबुक, इंडिया हेड अजीत मोहन ने कहा कि “आंखी दास भारत में हमारी फेसबुक की शुरुआती कर्मचारियों में से एक थीं। और पिछले नौ सालों में कंपनी के विकास और उसकी सेवा में उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। और पिछले दो सालों से वह मेरे नेतृत्व में बनी टीम का हिस्सा थीं। एक ऐसी भूमिका जिसमें उन्होंने भीषण योगदान दिया है। हम उनकी सेवाओं के लिए उनके आभारी हैं। और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”

डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट में कहा गया था कि दास भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और केंद्र में स्थापित उसकी सरकार के पक्ष में काम कर रही थीं। उन्होंने हेट स्पीच मामले में इसलिए कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया था क्योंकि उनका मानना था कि उससे फेसबुक का भारत में व्यावसायिक हित प्रभावित होगा।

(पोर्टल टेक क्रंच की रिपोर्ट।)

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