जज बीएच लोया मामले से जुड़े एक और शख्स की मौत, डीएसपी थोराट का हॉर्ट अटैक से निधन

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नई दिल्ली। सीबीआई जज बीएच लोया मामले से जुड़े एक और शख्स की मौत हो गयी है। इनका नाम रविंद्र भारत थोराट है। थोराट औरंगाबाद जिले में स्थित ओसमानाबाद के एंटी करप्शन ब्यूरो में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात थे। बताया जा रहा है कि इनकी मौत मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से हुई है।टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से आई जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद के एंटी करप्शन ब्यूरो के एसपी अरविंद चावड़िया का कहना है कि सोमवार को ही दफ्तर में ड्यूटी के दौरान थोराट थोड़ी बेचैनी महसूस कर रहे थे। उसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी प्रारंभिक जांच हुई और उसके बाद उन्हें सोलापुर स्थित एक सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल में रिफर कर दिया गया।

चावड़िया की मानें तो वहां उनका ब्लड प्रेशर बढ़ता ही जा रहा था। और उस पर नियंत्रण स्थापित नहीं किया जा सका। उसी दौरान उन्हें एक बड़ा दिल का दौरा पड़ा और जिसके बाद उनका निधन हो गया।और इस तरह से उन्हें बचाने के सारे प्रयास नाकाम हो गए। एसपी का कहना है कि उनके निधन के समय उनके परिवार के सदस्य और खुद वह भी मौजूद थे।थोराट ओसमानाबाद के ही एक गांव के रहने वाले थे।थोराट का जज लोया के केस से दो बार राफ्ता पड़ा था। पहली बार तब जब लोया की मौत के तुरंत बाद नागपुर पुलिस ने सामान्य छानबीन के तहत मामले की जांच की थी। उसमें आखिरी तौर पर जिस शख्स को उनके परिजनों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी वह थोराट ही थे।

बाद में थोराट ने कहा था कि उन्होंने परिजनों से संपर्क करने की पूरी कोशिश की लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया।इसी तरह से दूसरा साबका इस केस से उनका तब पड़ा जब महाराष्ट्र की फडनवीस सरकार ने पुलिस कमिश्नर संजय वर्वे के नेतृत्व में इसकी जांच बैठायी। बताया जाता है कि थोराट वर्वे की टीम के अहम सदस्य थे। वह सूबे के स्तर पर इस केस से संबंधित लोगों से पूछताछ तो कर ही रहे थे इसके अलावा लोया मामले से जुड़ी फाइलों को सुप्रीम कोर्ट पहुंचाना और वहां से ले आने की जिम्मेदारी भी उन्हीं को मिली थी। इस तरह से कहा जा सकता है कि लोया मामले की बहुत सारी अंदरूनी सच्चाइयों से वह परिचित थे।अब जबकि महाराष्ट्र सरकार लोया मामले की फिर से जांच के लिए सक्रिय हो गयी है। और गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बाकायदा इस पर बयान दिया है।

तब इन परिस्थितियों में इस मामले से जुड़े थोराट का निधन कई सवाल खड़े करता है। इस मामले के अहम गवाह और पीड़ित एडवोकेट सतीश यूके ने कहा है कि अब जबकि उनके ऊपर हुए प्राणघातक हमले की जांच का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। और खुद महाराष्ट्र सरकार लोया मामले की जांच की पहल कर रही है। ऐसे में नागपुर में एक दौर में तैनात रहे थोराट की मौत बेहद संदिग्ध हो जाती है। उन्होंने थोराट की मौत को व्यापम की संज्ञा दी। साथ ही यह भी आशंका जाहिर कि आने वाले दिनों में इसी तरह से कुछ और मौतें भी हो सकती हैं। 

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