इन दिनों वैसे तो अर्थव्यवस्था के क्षेत्र से आ रही लगभग सभी खबरें निराश करने वाली हैं, लेकिन सबसे बुरी खबर यह है कि आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। अनाज, दाल-दलहन, चीनी,...
सत्रहवीं लोकसभा का गठन हुए 16 महीने हो चुके हैं। यानी उसका एक चौथाई कार्यकाल बीत गया है। इस बीच उसके चार सत्र भी संपन्न हो चुके हैं। चारों सत्रों के बारे में सरकार की ओर से दावा किया...
अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में अलग-अलग समय में वित्त, विदेश और रक्षा जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके जसवंत सिंह भारतीय जनता पार्टी के उन चंद नेताओं में से थे, जो 'हिंदू-मुस्लिम’ और 'भारत-पाकिस्तान’...
मौजूदा वक्त में जब देश के तमाम संवैधानिक संस्थान और उनमें शीर्ष पदों पर बैठे लोग अपने पतन की नित-नई इबारतें लिखते हुए खुद को सत्ता के दास के रूप में पेश कर अपने को धन्य मान रहे हों,...
बिहार का एक बड़ा हिस्सा अभी भी बाढ़ से उपजी समस्याओं से जूझ रहा है। वहां कोरोना का संक्रमण तेजी फैलना जारी है, जबकि उसका मुकाबला करने में राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी है। सूबे में...
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक अवमानना के अभूतपूर्व मामले में दोषी ठहराए गए जाने-माने वकील प्रशांत भूषण पर अभूतपूर्व सजा के रूप में एक रुपए का जुर्माना लगाया, जिसे प्रशांत भूषण ने कुबूल कर लिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई...
कोरोना महामारी की वैश्विक चुनौती के संदर्भ में हमारे समय के विद्वान-दार्शनिक और इतिहासकार युवाल नोहा हरारी का एक लेख करीब पांच महीने पहले ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स में छपा था। अपने उस चिंतनपरक लेख में उन्होंने बताया...
जब भी कोई राजनीतिक दल अपने बुरे दौर से गुजर रहा होता है तो उसमें कुछ न कुछ खटपट चलती रहती है। कभी नेतृत्व को लेकर सवाल उठता है तो कभी पार्टी की दशा और दिशा को लेकर। इसमें...
भारत में कोरोना महामारी से निबटने के लिए आज से पांच महीने पहले जब देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, तब देश में कोरोना से संक्रमण के करीब 450 मामले थे और महज 18 लोगों की मौत हुई थी।...
अधूरा सच, सफेद झूठ, परनिंदा, नए-नए शिगूफे, धार्मिक और सांप्रदायिक प्रतीकों का इस्तेमाल और आत्म प्रशंसा! यही पांच प्रमुख तत्व होते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में। मौका चाहे देश में हो या विदेश में, संसद में हो...