Monday, May 29, 2023

अनिल जैन

राज्यपालों की पतन गाथा: मोदी राज में कई नए अध्याय जुड़े

पंचतंत्र में चालाक बंदर और मूर्ख मगरमच्छ की एक कहानी है, जिसमें बंदर अपना कलेजा खाने को आतुर मगरमच्छ से अपनी जान बचाने के लिए कहता है कि मैं तो अपना कलेजा नदी किनारे जामुन के पेड़ पर संभालकर...

पुस्तक समीक्षा: समकालीन राजनीति की स्याह हकीकत का दस्तावेज है ‘जिओ पॉलिटिक्स’

लॉकडाउन के दौरान खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने फेसबुक पर 'जिओ पॉलिटिक्स’ शीर्षक से एक लंबी सीरीज में जो कुछ लिखा था, वह अब व्यवस्थित रूप से एक किताब की शक्ल में आ गया है। दस्तावेजी और परिस्थितिजन्य सबूतों...

अस्मिता की राजनीति ने कांग्रेस और नरसिंहराव के बीच की दूरी मिटाई

देश में परवान चढ़ चुकी अस्मिता की राजनीति के चलते आखिरकार दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और कांग्रेस के बीच की दूरी मिट गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी...

आपदा में अवसर यानी विधायक खरीदो और विपक्ष की सरकारें गिराओ

एक ओर दुनिया के तमाम देशों की सरकारें कोरोना महामारी का मुकाबला करने में जुटी हैं, वहीं भारत सरकार और सत्तारूढ़ दल का नेतृत्व इस भयावह महामारी के प्रति पूरी तरह बेफिक्र होकर विधायकों की खरीद फरोख्त के जरिए...

मध्य प्रदेश में अपने मंत्रियों को ‘मलाई’ दिलाने में सफल रहे सिंधिया

महज चार महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता दिलाने की कीमत की एक और बड़ी किस्त आज वसूल कर ली। दस दिन पहले राज्य मंत्रिपरिषद के...

‘जादूगर’ गहलोत ने पायलट और भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरा

राजनीति के साथ ही जादू की विधा में भी दखल रखने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक जादूगरी के आगे भारतीय जनता पार्टी का ऑपरेशन लोटस भी नाकाम हो गया और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत...

मध्य प्रदेश में सिंधिया के आगे बौने साबित हुए सभी दिग्गज भाजपाई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आखिरकार अपनी साढ़े तीन महीने पुरानी मंत्रिपरिषद का विस्तार तो कर लिया, मगर वे इसे अपने मनमाफिक शक्ल नहीं दे पाने में पूरी तरह नाकाम रहे। मंत्रिपरिषद में शामिल 28 नए...

दस्तावेजी सबूत है कि आरएसएस ने आपातकाल का समर्थन किया था

आपातकाल के साढ़े चार दशक पूरे होने के मौके पर कई लोगों ने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भारतीय लोकतंत्र के उस त्रासद और शर्मनाक काल खंड को अलग-अलग तरह से याद किया। याद करने वालों में ऐसे...

विशेष आलेख: उस घोषित आपातकाल से ज्यादा भयावह है यह अघोषित आपातकाल

आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का एक बेहद स्याह और शर्मनाक अध्याय....एक दु:स्वप्न...एक मनहूस कालखंड! पूरे 45 बरस हो गए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता की सलामती के लिए आपातकाल लागू कर समूचे देश को कैदखाने में...

ट्रम्प के अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग के दौर का दोहराव

लगभग 12 वर्ष पूर्व जब बराक ओबामा पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे तो दुनिया भर में यह माना गया था कि यह मुल्क अपने इतिहास की खाई (नस्लभेद और रंगभेद) को पाट चुका है। लेकिन इसे विडंबना...

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