Author: अनिल जैन

  • केरल हाई कोर्ट ने नहीं चलने दी चुनाव आयोग और सरकार की मनमानी

    केरल हाई कोर्ट ने नहीं चलने दी चुनाव आयोग और सरकार की मनमानी

    पिछले छह-सात सालों के दौरान केंद्र सरकार की करतूतों से वैसे तो देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं की साख और विश्वसनीयता पर बट्टा लगा है, लेकिन चुनाव आयोग की साख तो पूरी तरह ही चौपट हो गई है। हैरानी की बात यह है कि अपने कामकाज और फैसलों पर लगातार उठते सवालों के बावजूद चुनाव…

  • कोरोना को रोकने का लॉकडाउन कारगर विकल्प कतई नहीं!

    कोरोना को रोकने का लॉकडाउन कारगर विकल्प कतई नहीं!

    पिछले सात साल से भारत में जो भी हुआ है या होता आ रहा है, वह पहली बार हो रहा है और ‘दुनिया में सबसे बड़ा’ हुआ है! यह बात कोई और नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते रहे हैं। जैसे उन्होंने 16 जनवरी को ‘दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान’ की शुरुआत की…

  • उत्तर प्रदेश: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का ऐसा दुरुपयोग कभी नहीं हुआ!

    उत्तर प्रदेश: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का ऐसा दुरुपयोग कभी नहीं हुआ!

    उत्तर प्रदेश में तमाम तरह के संगीन अपराधों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के बावजूद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर दावा करते रहते हैं कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त कर दिया है और अब अपराधियों की जगह या तो जेल में है या फिर वे उत्तर प्रदेश छोड़ कर जा…

  • वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल और सरकार की रहस्यमय चुप्पी

    वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल और सरकार की रहस्यमय चुप्पी

    भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू में करने के लिए टीकाकरण अभियान को शुरू हुए दो महीने पूरे हो चुके हैं। लेकिन कोरोना के टीके पर लोगों का भरोसा अभी भी नहीं बन पाया हैं। इसी वजह से लोगों में टीका लगवाने को लेकर कोई उत्साह नहीं है। हालांकि लोगों की आशंकाओं को…

  • पांचों चुनावी राज्यों में जमीनी हालात भाजपा के अनुकूल नहीं

    पांचों चुनावी राज्यों में जमीनी हालात भाजपा के अनुकूल नहीं

    पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी मीडिया के जरिए यह माहौल बनाने की कोशिश कर रही है कि वह पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाने जा रही है और असम में भी उसकी सत्ता बरकरार रहेगी। तमिलनाडु को लेकर भी बताया जा रहा है कि वहां वह सत्तारुढ़…

  • कोरोना की ‘नई लहर’: कितनी हकीकत, कितना फसाना?

    कोरोना की ‘नई लहर’: कितनी हकीकत, कितना फसाना?

    भारत में एक बार फिर कोरोना ने मीडिया की सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी है। अखबारों के पहले पन्नों पर हेडलाइन बन रही है। खबरों के नाम पर सरकारी प्रोपेगेंडा फैलाने वाले टेलीविजन चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ दिखाई जा रही है। बताया जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर…

  • पांच राज्यों का चुनाव कार्यक्रम: फिर बयान हुई चुनाव आयोग के पतन की कहानी

    पांच राज्यों का चुनाव कार्यक्रम: फिर बयान हुई चुनाव आयोग के पतन की कहानी

    पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटों के लिए आठ चरण में और असम में 126 सीटों के लिए तीन चरण में मतदान।! जबकि तमिलनाडु में 234 और केरल में 140 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान! यह चुनाव कार्यक्रम हमारे चुनाव आयोग के पतन की कहानी बयान करता है।  चुनाव आयोग ने…

  • किसान आंदोलन को बदनाम करना पंजाब में भाजपा को महंगा पड़ा

    किसान आंदोलन को बदनाम करना पंजाब में भाजपा को महंगा पड़ा

    पहले हरियाणा, फिर राजस्थान और अब पंजाब! करीब तीन महीने से जारी किसान आंदोलन के दौरान इन तीनों राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को लगातार हार का मुंह देखना पड़ा है। इसमें भी पंजाब के नतीजे तो उसके लिए किसी सदमे से कम नहीं हैं। किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभा…

  • बदचलन विकास को रोकने का संदेश दे रही है यह आपदा

    बदचलन विकास को रोकने का संदेश दे रही है यह आपदा

    उत्तराखंड समेत समूचे हिमालयी क्षेत्र में बरसात के मौसम में तो बादल फटने, ग्लेशियर टूटने, बाढ़ आने, जमीन दरकने और भूकंप के झटकों की वजह से जान-माल की तबाही होती ही रहती है। ऐसी आपदाओं का कहर कभी उत्तराखंड, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तो कभी पूर्वोत्तर के राज्य अक्सर झेलते रहते हैं, लेकिन यह पहला…

  • ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि संबित पात्रा का भाषण हो रहा है!

    ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि संबित पात्रा का भाषण हो रहा है!

    एक राजनेता के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ख्याति’ भले ही मजमा जुटाऊ एक कामयाब भाषणबाज के तौर पर हो, लेकिन उन पर यह ‘आरोप’ कतई नहीं लग सकता है कि वे एक शालीन और गंभीर वक्ता हैं! चुनावी रैली हो या संसद, लालकिले की प्राचीर हो या कोई सरकारी कार्यक्रम या फिर विदेशी…